बारिश के बाद भी जिला में धनरोपनी लक्ष्य से काफी पीछे

बारिश के बाद भी जिला में धनरोपनी लक्ष्य से काफी पीछे

By Prabhat Khabar News Desk | August 6, 2024 8:03 PM

-एक लाख 45 हजार 701 हेक्टेयर में धनरोपनी का लक्ष्य-अबतक एक लाख 22 हजार 396 हेक्टेयर में ही हो सकी मुजफ्फरपुर. पिछले चार दिनों से रुक-रुककर हो रही बारिश से धान की फसल को काफी फायदा हुआ है. साथ ही धनरोपनी में भी तेजी आयी है. किसानों के मुरझाये चेहरे पर अब पहले की तरह चिंता नहीं है. तेज धूप से खेतों में पड़ी दरार भरने लगी है. खेतों में नमी के लिए किसानों को अब रोज सिंचाई नहीं करनी पड़ रही है. पहले लगी धान की फसल से अब कल्ला भी फूटने लगा है. हालांकि जिले में अभी लक्ष्य के अनुसार धनरोपनी नहीं हुई है. जिला कृषि विभाग के अनुसार जिला में एक लाख 45 हजार 701 हेक्टेयर में धान की फसल लगानी है. जिसमें अभी तक एक लाख 22 हजार 396 हेक्टेयर में धान की फसल लगायी जा चुकी है. लक्ष्यानुसार अभी भी 23 हजार 304 हेक्टेयर में धान की फसल नहीं लगी है. प्रखंड – लक्ष्य – उपलब्धि औराई – 11144.850 – 8592.20 बंदरा – 4413 – 4356 बोचहां – 11469 – 10180 गायघाट – 11266 – 9384 कांटी – 9034 – 7763 कटरा – 9833 – 8614 कुढ़नी – 12932.20 – 11525 मड़वन – 4136 – 3103 मीनापुर – 7499.36 – 6536 मोतीपुर – 11278 – 9169 मुरौल – 2010 – 1878.70 मुशहरी – 6427.50 – 5292 पारू – 14863.50 – 12047 साहेबगंज – 9896.50 – 8730 सकरा – 8347.80 – 5928 सरैया – 11151 – 9299 (संख्या प्रति हेक्टेयर में, स्रोत – जिला कृषि विभाग) …….. बारिश से धनरोपनी में तेजी, सूख रही फसल को मिला जीवन खेतों में दरार पड़ने से परेशान किसानों के चेहरे खिले मुजफ्फरपुर. चार दिनों से हो रही बारिश ने किसानों के चेहरे पर खुशी ला दी है. किसान अब तेजी से धनरोपनी कर रहे हैं. पिछले सप्ताह किसान खेतों में दरार पड़ने से परेशान थे और उन्हें सूखे की चिंता सता रही थी, लेकिन बारिश ने उनकी परेशानी कम कर दी है. किसानों को अब सिंचाई करने की जरूरत नहीं पड़ रही है. खेतों में नमी रहने से धान की फसल अच्छी होने की उम्मीद की जा रही है. लग गयी धान की फसल, फूट रहा कल्ला पहले से रोपे गये धान की फसल अब बच गयी है, उसमें से कल्ला फूट रहा है. हरी सब्जी भी अब बच जायेगी. अगर बारिश नहीं होती तो किसान बर्बाद हो जाते. तेज धूप से धान की फसल सूख रही थी और सिंचाई के बाद भी खेतों में नमी नहीं थी. अब स्थिति बेहतर है. हमलोगों को उम्मीद है कि धान की फसल को अब नुकसान नहीं होगा. – शिवचंद्र प्रसाद, किसान सह पैक्स अध्यक्ष, महदेइयां किसानों के लिए वरदान साबित हुई बारिश वर्षा नहीं होने से धान के पौधों में कीड़ा लगने लगा था. खेतों में दरार पड़ गयी थी. अब स्थिति ठीक हो गयी है. फसल बचाने के लिए रोज पटवन करना नहीं पड़ रहा है. बारिश से हरी सब्जियों को भी फायदा हुआ है. किसानों के लिए बारिश वरदान साबित हुई है. – नीरज कुमार, मुख्य संयोजक, अलीनेउरा किसान क्लब धान की फसल लगाने के लिए अनुकूल समय खेतों में कीटों का प्रकोप बढ़ गया था. अब खेतों में नमी है और पहले से लगी धान में अंकुरण हो रहा है. धान की फसल लगाने का यह अनुकूल समय है. इसी तरह बारिश होती रहे तो धान की फसल को फायदा होगा और किसानों की परेशानी भी कम होगी – राकेश कुमार रौशन, प्रगतिशील किसान, घोसौत —— अब खेतों में पटवन की जरूरत नहीं धान की फसल को फायदा मिला है. अब खेतों में पटवन की जरूरत नहीं है. खेतों में नमी आने से हमलोगों की चिंता कम हो गयी है. फिलहाल इसी तरह की बारिश की जरूरत है. धान की फसल को इससे फायदा मिलेगा और सब्जियों का उत्पादन भी बढ़ेगा. – शंकर प्रसाद , किसान, करचौलिया

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