वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर इस साल दुर्गा पूजा में जिले के हर पूजा समिति अपने अपने पंडाल को अलग ही रूप देने में जुटे हैं. कोई पूजा समिति केदारनाथ धाम मंदिर के तर्ज पर द्वार बनाने में जुटा है तो कोई पूजा समिति के सदस्य नेपाल के काठमांडू से कलाकारों को बुला अपने पंडाल को बना रहे हैं. पूजा के महज चंद ही दिन बचे और और पूजा समिति के सदस्य अपने अपने पंडालों की रुप रेखा तैयार करने में जुटा हैं. प्रभात खबर की टीम ने शहर के प्रमूख कुछ पूजा समिति के अध्यक्ष और सचिव से बातचीत कर उनके बनाये जा रहे पंडालों की जानकारी ली. इसके साथ ही इस साल मा दुर्गा की प्रतिमा का क्या रुप देंगे इसकी भी जानकारी पूजा समिति के सदस्यों ने दी. अघोरिया बाजार चौक श्रीदुर्गा पूजा समिति पूजा पंडाल के चारों तरफ का मुख्य द्वार चार धाम की तर्ज पर होगा इस साल अघोरिया बाजार चौक पूजा समिति की ओर से पूजा पंडाल के चारों तरफ का मुख्य द्वार चार धाम की तर्ज पर होगा. समिति के अध्यक्ष डा. महेशचंद्र प्रसाद, महासचिव संतोष साहेब ने बताया कि आमगोला छोर की तरफ से आने पर केदारनाथ धाम मंदिर के तर्ज पर द्वार बनेगा. रामदयालु छोर की तरफ से आने पर बद्रीनाथ धाम मंदिर दिखाई देगा. नीम चौक की तरफ से आने पर गंगोत्री मंदिर नजर आएगी और कलमबाग रोड से आने वाले को यमुनोत्री मंदिर में प्रवेश करने का अहसास होगा. यह जिले के श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगा. पांच मूर्तियों का निर्माण कराया जा रहा है. इसके बनाने में करीब 15 कारीगर लगाये गये हैं. नेपाल के काठमांडू से बुलाये गये है कलाकार पंडाल निर्माण के लिए नेपाल के काठमांडू से कलाकारों को बुलाया गया है. पांच मूर्तियों में माता दुर्गा की मूर्ति सबसे लंबी होगी. कलर और सजावट दोनों अन्य वर्षों की तरह अलग दिखेगा. इस बार महिला- पुरुष को दर्शन कराने के लिए 225 वोलेंटियर्स की व्यवस्था की गई है. पंडाल फूल व रंग-बिरंगी लाइट से सजाया जाएगा. इसमें मां दुर्गा की मूर्ति के साथ मां लक्ष्मी, मां सरस्वती, कार्तिकेय, भगवान गणेश की मूर्ति भी रहेगी. पूजा में कोषाध्यक्ष कन्हैया कुमार, संरक्षक मंडल में शिव शंकर चौधरी, जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता उर्फ लाल बाबू, कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. रत्नेशश मिश्रा, कौशल किशोर सिंह, राजकुमार, अमरेन्द्र कुमार सिंह, नंदकिशोर प्रसाद, डा. प्रसुन्न कुमार राय, राज कुमार अशोक कुमार चौधरी आदि की महत्वपूर्ण भूमिका . पुरानी धर्मशाला चौक पूजा समिति चलंत मूर्तियों राजा मनन सिंह और मां काली के पुजारी रहसु भगत की कहानी सुनायेगी पुरानी धर्मशाला चौक पर इस बार दुर्गा पूजा पंडाल में थावे मइया का दरबार दिखेगा. इसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है. थावे मइया के इतिहास पर आधारित मूर्तियों का निर्माण कराया जा रहा है. इसमें मां काली, दुर्गा, पुजारी रहसु भगत, राजा मनन सिंह और शेर की मूर्तियां बन रही हैं. सभी मूर्तियां चलंत होंगी. धावे मइया की तर्ज पर इस बार पांच मूर्तियां बनाई जा रही हैं. चलंत मूर्तियों के माध्यम से श्रद्धालुओं को राजा मनन सिंह और मां काली के पुजारी रहसु भगत की कहानी सुनाई जाएगी. श्रीदुर्गा पूजनोत्सव समिति सह महामाया स्थान के व्यवस्थापक पंकज कुमार मिंकू ने बताया कि पिछले वर्ष से इस बार अधिक खर्च होगा. करीब 10 लाख रुपये तक खर्च किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि सात फीट तक की मूर्तियां कंगन दिया था. कोलकाता में तैयार हो रहा आडियो कैसेट पूजा समिति के व्यवस्थापक ने कहा कि थावे मइया के पुजारी रहसु भगत को मां ने आशीर्वाद स्वरूप सोने का सिंह को सोने के कंगन के संबंध में जानकारी मिली तो उन्होंने पुजारी को बुलाया और उस पर चोरी सहित कई तरह के इल्जाम लगाने लगे. इस पर पुजारी रहसु भगत ने कहा कि इस रहस्य को कहने और सुनने वाले दोनों लोगों की मौत हो सकती है, लेकिन राजा मां को बुलाने की जिद पर अड़ गए. रहसु भगत ने मां का आह्वान किया. उसके बाद मां काली कामाख्या से चली. वहां से पटनदेवी स्थल होते छपरा आमी स्थान पर आई,फिर वहां से धावे पहुंची. इस बीच पुजारी रहसु भगत और राजा मनन सिंह का सिर फट कर मां का हाथ सोने वाले कंगन के साथ निकला. यह कहानी श्रद्धालुओं को सुनाने के लिए कोलकाता में आडियो कैसेट तैयार किया जा रहा है. समिति के सचिव सूरज कुमार ने कहा कि जहां-जहां से मां चलकर आई, उन सारे जगहों के दृश्य पंडाल में उकेरे जाएंगे, कोलकाता के कलाकारों को मुकुट सजाने के लिए बुलाया गया है. इसके लिए 30 फीट का ऊंचा पंडाल बनाया जा रहा है. नवदुर्गा पूजा समिति नयाटाेला देवी-देवता मां दुर्गा का आवाहन करेगी, तब मां दुर्गा प्रकट हाेकर राक्षस का वध करेंगी नयाटाेला में इस नवरात्र श्रद्धालु भव्य मूविंग सीन में मां दुर्गा काे राक्षस राज का वध करते देखेंगे. इसके पहले देवी-देवता मां दुर्गा का आवाहन करेंंगे. तब मां दुर्गा प्रकट हाेकर राक्षस का वध करेंगी. इसके बाद श्रद्धालुओं काे आशीर्वाद देंगी. मां दुर्गा के प्रकट हाेने और राक्षस राज के साथ युद्ध कर उसका वध करने का सीन 5-5 मिनट का हाेगा.जिसे लगातार दिखाया जाएगा. नवदुर्गा पूजा समिति नयाटाेला महामाया पूजा के भव्य आयाेजन की तैयारी में जाेर-शाेर से जुट गई है. बताया गया कि अरूल नामक राक्षस इंद्र के राजपाट काे जबरन हथिया लेता है. इसके बाद ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनाें देवता त्राहिमाम करते हुए मां आदिशक्ति का आवाहन करते हैं. इसके बाद मां दुर्गा प्रगट हाेती हैं. अट्टहास करते हुए राक्षस आता है. उसके साथ मां दुर्गा का युद्ध हाेता है. अंत में मां दुर्गा अपने शस्त्र से राक्षस का वध कर देवताओं की रक्षा करते हैं. इस मूविंग सीन काे शहर के ही कलाकार तैयार कर रहे हैं. 70 फीट ऊंचा मुख्य द्वार बनाया जा रहा नवदुर्गा पूजा समिति नयाटाेला महामाया जाेर-शाेर से तैयारी में जुटी, बन रहा भव्य द्वार 70 फीट ऊंचा बन रहा है. मुख्य द्वार समिति के अध्यक्ष राेहित कुमार ने बताया कि इस बार 70 फीट ऊंचा मुख्य द्वार बनाया जा रहा है. श्रद्धालु इसी से हाेकर माता के दर्शन व पूजन के लिए पूजा पंडाल में प्रवेश करेंगे. पूजा पंडाल काे फूलाें से और रंग-बिरंगी लाइटाें से सजाया जाएगा. यहां 1995 से दुर्गा पूजा हाे रही है. पंडाल निर्माता लालबाबू साह, लाइट एंड साउंड चुनचुन कुमार एवं मूर्तिकार साेनेलाल पासवान हैं. पूजा में मां दुर्गा काे प्रत्येक दिन अलग-अलग तरह के नैवेद्य का भाेग लगाया जाएगा. आयाेजन काे भव्य बनाने की तैयारी में नव दुर्गा पूजा समिति नयाटाेला महामाया के अध्यक्ष समेत सचिव सन्नी पटेल, काेषाध्यक्ष अमित कुमार, सदस्याें सुमित कुमार, निशांत भारती, प्रेम कु़मार, राहुल कुमार, देव कुमार, दक्ष कुमार, जीतू कुमार, राज कुमार, विशाल कुमार, रमण कुमार, तरूण कुमार, कृष कुमार, आकाश कुमार, राणा कुमार, विक्की कुमार आदि जुटे हुए हैं. भगवानपुर चाैक दुर्गा पूजा एकता परिषद समिति मां दुर्गा काे चंड-मुंड का वध करते देखेंगे लोग भगवानपुर चाैक के समीप दुर्गा पूजा एकता परिषद नवरात्र के भव्य आयाेजन की तैयारी में जुटा है. इस बार यहां पर श्रद्धालु मूविंग आर्ट पर मां दुर्गा काे चंड-मुंड का वध करते देखेंगे. यह सीन 5 से 7 मिनट का हाेगा. इसमें पहले असुर राज महिषासुर मां दुर्गा काे युद्ध के लिए ललकारेगा. इसके बाद मां दुर्गा और असुर के बीच कुछ देर संवाद हाेगा. अंत में मां दुर्गा अपने विकराल रूप में चंड-मुंड का वध कर देंगी. कलाकार इस मूविंग आर्ट काे तैयार करने में जुटे हैं. इसके साथ ही पूजा की तैयारी समेत पंडाल आदि के निर्माण का काम भी जाेर-शाेर से चल रहा है. पूजा पंडाल काे काेलकाता के एक दुर्गा मंदिर की तरह का स्वरूप दिया जा रहा है. यहां पर वर्षाें पहले से हर साल दुर्गा पूजा हाे रही है. पूजा भी काफी विधि विधान से हाेता चला आ रहा हैं.
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