चिकित्सकों, वीबीडीसी व एएनएम को दी ट्रेनिंग
मुजफ्फरपुर. फाइलेरिया रोगी को एमएमडीपी किट देते वक्त इसका महत्त्व भी समझाएं. मंगलवार को जिला प्रतिरक्षण कार्यालय में प्रखंडों से आए चिकित्सकों, वीबीडीसी व एएनएम को एमएमडीपी किट के बाबत प्रशिक्षित किया गया. प्रशिक्षण में डब्ल्यूएचओ की रीजनल कोऑर्डिनेटर डॉ माधुरी देवराजु ने फाइलेरिया के विभिन्न चरणों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि एमएमडीपी किट फाइलेरिया के तीसरे चरण से प्रभावी हो जाता है. क्योंकि इस अवस्था के आते-आते फाइलेरिया रोगियों में सूजन बढ़ जाती है.साथ ही फाइलेरिया के एक्यूट अटैक के खतरे की आशंका भी अत्यधिक होती है. ऐसे में एमएमडीपी से फाइलेरिया रोगी, रोग प्रबंधन की कला सीखते हैं. जिससे उन्हें काफी आराम मिलता है. प्रशिक्षण के दौरान बोचहां के पांच फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट का वितरण किया गया. वहीं पांच मरीजों के विकलांगता सर्टिफिकेट के लिए आवेदन भी हुए.जानकारी दें ताकि सही से हो किट इस्तेमाल
ट्रेनिंग के दौरान जिला वीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सुधीर ने कहा, किट वितरण में इसके इस्तेमाल के तरीकों को हर एक मरीजों को बताना जरूरी है. इससे वे उस किट का सही इस्तेमाल कर सकेंगे. प्रशिक्षण के दौरान वीबीडीसीओ पुरुषोत्तम, राजीव सिंह, रौशन, वीडीसीओ अभिषेक, वीबीडीसी राजीव आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है