नियमित प्राध्यापकों की नियुक्ति में प्रस्तुत किया जा रहा फर्जी अनुभव व दिव्यांगता प्रमाणपत्र
नियमित प्राध्यापकों की नियुक्ति में प्रस्तुत किया जा रहा फर्जी अनुभव व दिव्यांगता प्रमाणपत्र
मुजफ्फरपुर
. बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग की ओर से बीते दिनों की गयी सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति के दौरान अभ्यर्थियों की ओर से फर्जी अनुभव और दिव्यांगता प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया गया है. आयोग की ओर से जांच के क्रम में यह मामला सामने आया है. आयोग की ओर से चयन प्रक्रिया के दौरान भौतिकी के साक्षात्कार के दिन एक अभ्यर्थी का अनुभव प्रमाण पत्र संदेहास्पद पाया गया. इसकी जांच की जा रही है. वहीं आयोग के सचिव निर्मल कुमार ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र भेजकर अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच की मांग की है. उन्होंने कहा है कि नवनियुक्त सहायक प्राध्यापकों के प्रमाणपत्रों की गहनता से जांच के बाद ही चयनित अभ्यर्थियों की सेवा संपुष्टि की जाए. आयोग के सचिव ने अर्थशास्त्र विषय के लिए मूकबधिर, दिव्यांग कोटि में चयनित एक अभ्यर्थी के फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के मामले का भी जिक्र किया है. बीआरएबीयू समेत प्रदेश भर के विश्वविद्यालयों के कुलसचिव को पत्र भेजकर मामले से अवगत कराया गया है. कहा गया है कि विवि के स्तर से भी सहायक प्राध्यापकों के प्रमाणपत्रों की जांच की जाये. विशेषकर अनुभव प्रमाणपत्र व दिव्यांगता से जुड़े प्रमाणपत्रों की गहनता से जांच करेंं. जांच में प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने पर अभ्यर्थियों की पात्रता तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की बात कही गयी है. साथ ही इस मामले से आयोग को अवगत कराने को कहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है