शिक्षक के पैन पर फर्जी जीएसटी नंबर बना दो करोड़ से अधिक का ट्रांजेक्शन
शिक्षक के पैन पर फर्जी जीएसटी नंबर बना दो करोड़ से अधिक का ट्रांजेक्शन
By Prabhat Khabar News Desk |
June 11, 2024 1:27 AM
मालीघाट के रहने वाले हैं शिक्षक, रिटर्न फाइल करने के दौरान अधिवक्ता ने दी फर्जीवाड़ा की जानकारी
मिठनपुरा थाने में दर्ज करायी प्राथमिकी, एक केरल तो दूसरा जीएसटी नंबर दिल्ली के पते पर है दर्ज
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
साइबर बदमाश लगातार नयी तरकीब से लोगों को फांसते हैं. इसी क्रम में मिठनपुरा थाना क्षेत्र के मालीघाट निवासी ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षक राहुल कुमार के पैन का उपयोग कर दो फर्जी जीएसटी नंबर बना लिया गया. इस जीएसटी नंबर पर करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है. राहुल ने अपने अधिवक्ता अनीश कुमार को जब रिटर्न फाइल करने को कहा तो अधिवक्ता ने उन्हें फर्जीवाड़ा के संबंध में जानकारी दी. अधिवक्ता ने पूछा कि क्या उन्होंने काेई व्यवसाय शुरू किया है. जब राहुल ने कहा कि न उसने कोई व्यवसाय शुरू किया है और न कभी जीएसटी नंबर के लिए कहीं आवेदन दिया है. इसके बाद अधिवक्ता ने बताया कि उसके पैन नंबर पर दो जीएसटी रजिस्टर्ड हैं. उसपर करोड़ों रुपये का ट्रांजेक्शन भी एक वर्ष के दौरान हुआ है. यह सुनकर राहुल के होश उड़ गये. परेशान होकर राहुल जब जीएसटी कार्यालय पहुंचे तो बताया गया कि केरल और दिल्ली में उनके पैन नंबर से जीएसटी बनाया गया है. इस दोनों जीएसटी में एक ही ईमेल आइडी और मोबाइल नंबर का उपयोग किया गया है. जब राहुल ने दिल्ली के बताए गए पते पर अपने एक रिश्तेदार को भेजकर जानकारी लेनी चाही तो उस पते पर कोई कार्यालय ही नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने मिठनपुरा थाने में फर्जीवाड़ा के संबंध में प्राथमिकी दर्ज करायी. राहुल का कहना है कि उन्होंने बैंक में करेंट अकाउंट भी नहीं खुलवाया और न कभी किसी व्यवसाय के लिए जीएसटी बनाया. ऐसे में उनके पैन से जीएसटी कैसे बनी. उन्होंने अज्ञात के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. इधर, मिठनपुरा पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.
एक जीएसटी नंबर पर यह ट्रांजेक्शन, दूसरे का नहीं दिख रहा :
राहुल बताते हैं कि वे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते हैं. उन्होंने जीएसटी के लिए कभी आवेदन नहीं दिया. ऐसे में उनके पैन से दो-दो जीएसटी नंबर कैसे जुड़ गये. उन्होंने बताया कि जीएसटी कार्यालय से विवरण निकालने पर पता चला कि एक जीएसटी नंबर पर दो करोड़ से अधिक का लेनदेन हुआ है. वहीं दूसरे जीएसटी नंबर पर लेनदेन दिखा ही नहीं रहा है. वे परेशान हैं कि उन्होंने किसी प्रकार का लेनदेन किया ही नहीं तो अब वे इस लेनदेन का विवरण आयकर में कहां से देंगे. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
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