गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल से 20 से 30 प्रतिशत तक टल सकती हैं मौतें
मुजफ्फरपुर.
परिवार नियोजन स्वस्थ परिवार की अहम कड़ी है जो महिला व बच्चे की सेहत के साथ-साथ परिवार की आर्थिक मजबूती को भी सुनिश्चित करने में सहायक होती है. गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल से 20 से 30 प्रतिशत मातृ मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है. इन्हीं गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए जिले के दूरस्थ व उपेक्षित समुदाय के बीच स्वास्थ्य विभाग गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल के लिए योग्य दंपतियों को जागरूक कर रही है. सीएस डॉ अजय कुमार ने कहा कि जिले का भौगोलिक क्षेत्र काफी कठिन है. ऐसे में बहुत सारे गांव ऐसे हैं जहां गर्भनिरोधकों के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है. वहीं कुछ ऐसे समुदाय और स्लम में जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए गर्भनिरोधक का इस्तेमाल जरूरी है.ऐसे में हम उन्हें गर्भनिरोधक के अस्थाई साधन के बारे में बताते हैं क्योंकि इसका इस्तेमाल आसान और सरल है. इसे बाद इच्छुक लाभार्थियों के बीच आशा कार्यकर्ता के माध्यम से इसकी उपलब्धता को भी सुनिश्चित किया जा रहा है.ये हैं परिवार नियोजन के साधन
-अस्थायी साधन: कंडोम (पुरुष), माला एन, छाया, अंतरा, आईयूसीडी (कॉपर टी) एवं आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली-स्थायी साधन: महिला बंध्याकरण (टी एल), पुरुष नसबंदी (एनएसवी)बच्चे को होने वाले लाभ
-शिशु मृत्यु की आशंका लगभग 50 प्रतिशत कम हो जाती है-नवजात शिशु के समय पूर्व एवं कमजोर जन्म के खतरे को कम करता है-नवजात/शिशु मृत्यु एवं प्रसव के समय बच्चे को होने वाले संभावित नुकसान के खतरे को कम करता हैपीएचसी के 10 डॉक्टरों को मिलेगी विशेष ट्रेनिंग
मुजफ्फरपुर.
प्रसव के दौरान अब पीएचसी से लेकर एमसीएच तक जच्चा व बच्चा की मौतें नहीं होंगी. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने पहल की हैं. प्रसव में अप्रिय घटना नहीं हाे और मातृ मृत्यु दर में कमी आए, इसके लिए पीएचसी में तैनात 10 डॉक्टरों काे विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी. इन डॉक्टरों को प्रसव संबंधी जटिलताओं में दक्ष बनाया जाएगा. उन्हें बीइएमओसी की ट्रेनिंग दी जायेगी. इसके लिए इन डॉक्टरों काे एसकेएमसीएच से टैग किया गया है.राज्य स्वास्थ्य समिति के उपनिदेशक प्रशिक्षण डाॅ जयंती श्रीवास्तव ने ट्रेनिंग का शिड्यूल जारी किया है. 12 नवंबर से 21 नवंबर तक पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी व वैशाली के एमबीबीएस डॉक्टरों काे ट्रेनिंग दी जायेगी. सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार ने कहा कि जिन डॉक्टरों को ट्रेनिंग मिलेगी, वह अपने-अपने पीएचसी में आकर अन्य चिकित्सकों को भी ट्रेनिंग देंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है