डॉ राजेंद्र प्रसाद केद्रीय कृषि विश्विवद्यालय ने जारी किया गाइडलाइन उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर डॉ राजेंद्र प्रसाद केद्रीय कृषि विश्विवद्यालय ने शुष्क मौसम में तैयार गेहूं, अरहर व मक्का की कटनी व दौनी करने के बाद गेहूं और मक्का के दानों को अच्छी तरह धूप में सुखा कर भंडारण करने की सलाह दी है. कृषि विश्वविद्यालय ने 21 अप्रैल तक के मौसम का आकलन कर मूंग व उड़दल की फसलों की निकाई गुराई और बथनी करने को कहा ह. साथ ही इन फसलों में सघन रोगों वाली सुड़िया की निगरानी करने की सलाह दी है. इस कीट से बचाव के लिए मिथइल पैराथयान 50 इसी दवा का दो मिली पानी में मिलाकर छिड़काव करने को कहा है. वसंतकालीन मक्का की फसल जो घुटने की ऊंचाइ के बराबर हो गयी हो, उसमें मिट्टी चढ़ाने का कार्य करने को कहा है. आम के पेड़ में दाहिया कीट की निगरानी करने को कहा है. यह कीट चिपटे गोल आकार के पंखहीन व शरीर पर सफेद दही के रंग का पावडर चिपका रहता है.यह आम के पेड़ में मुलायम डाली और मंजर वाले भाग में काफी संख्या में चिपका हुआ देखा जा सकता है. इस कीट से रोकथाम के लिये डाइमेथोएट 30 इसी दवा का एक मिली लीटर पानी में घेाल बना कर पेड़ पर समान रूप से छिड़काव करें. गरमा सब्जियों में भिंडी, नेनुआ, करैला, लौकी और खीरा की फसल में आवश्यकतानुसार निकाई-गुड़ाई और सिंचाई करें. टमाटर की फसल को फल छेदक कीट से बचाने के लिये खेतों में पक्षी बसेरा लगाये.कीट से ग्रसित फलों को जमा कर नष्ट कर दें. भिंडी की फसल में लीफ हॉपर कीट की निगरानी करें. दुघारू पशुओं को दिन में छायादार व सुरक्षित स्थानों पर रखे और अधिम मात्रा में स्वच्छ पानी पिलाएं.
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शुष्क मौसम में किसान करें फसल का बेहतर प्रबंधक
Farmers should manage their crops better
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