बारिश नहीं होने से किसान परेशान, सिंचाई कर गिरा रहे बीज

Farmers upset due to lack of rain, seeds are being dropped by irrigating

By Prabhat Khabar News Desk | June 18, 2024 7:23 PM

कृषि वैज्ञानिकों ने धान का बीज नर्सरी में लगाने की दी सलाह उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर बारिश नहीं होने के कारण किसानों को धान का बीज गिराने में परेशानी हो रही है. किसानों को खेतों की सिंचाई करनी पड़ी रही है. इससे धान उत्पादन में उनकी लागत बढ़ेगी. जिन किसानों के पास सिंचाई की सुविधा नहीं है, वे प्रति घंटे के हिसाब से किराया देकर खेतों में पटवन करा रहे हैं. कई किसानों के खेतों में सही तरीके से सिंचाई भी नहीं हो पा रही है. किसान मॉनसून पर निर्भर थे, लेकिन अब तक बारिश नहीं होने से किसान मुश्किल में हैं. मुशहरी के किसान रामधनी चौधरी ने कहा कि हमलोग इस इंतजार में थे कि जून के दूसरे हफ्ते तक बारिश आ जायेगी तो बिचड़ा गिरायेंगे, लेकिन मॉनसून अब तक नहीं आ पाया है. इस कारण अब खेतों की सिंचाई करनी पड़ी है. बिचड़ा तैयारी होने में 20 से 25 दिन का समय लगेगा. जितना जल्दी बारिश होगी बिचड़ा तैयार होने में उतनी सुविधा होगी. पूसा के मौसम विज्ञान केंद्र ने भी किसानों को धान का बीज नर्सरी में लगाने की सलाह दी है. किसानों के लिये जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि मध्यम अवधि के लिये संतोष, सीता, सरोज, राजश्री, प्रभात, राजेंद्र सुवासनी, राजेंद्र कस्तुरी, राजेंद्र भगवती, कामिनी और सुगंध बीज लगाये. एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में रोपाई के लिए 800 से 1000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बीज गिराये. नर्सरी में क्यारी की चौड़ाई 1.25-1.5 मीटर व लंबाई सुविधानुसार रखे. साथ ही लंबी अवधि वाले धान की रोपनी के लिए खेतों की मेड़ तैयार करने को कहा गया है. लीची के बगीचे में खाद व उर्वरक डालें लीची उत्पादकों को सलाह दी गयी है कि लीची खत्म होने के बाद लीची के बगीचों की जुताई कर खाद व उर्वरक का प्रयोग करे. प्रत्येक पेड़ के हिसाब से 60 से 80 किलो कंपोस्ट या गोबर की सड़ी खाद, 2.5 किलो यूरिया, 1.5 किलो सिंगल सुपर फॉसफेट, 1.3 किलो म्युरेट पोटाश व 50 ग्राम सुहागा के मिश्रण को वृक्ष के पूरे फैलाव में एक समान बिछा कर मिट्टी में मिलायें. इसी माह आम और लीची के लिए खोदे गये गड्ढों में मिट्टी के साथ अनुसंशित मात्रा में खाद, उर्वरक व थिमेट दे कर ऊपर तक भरें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version