हर महीने एक करोड़ से अधिक की बिक रही लीवर की दवा
लोगों में बढ़ रही फैटी लीवर की समस्या, खान-पान में परहेज जरूरी
सोनोग्राफी व एलएफटी टेस्ट में आ रही फैटी लीवर की रिपोर्ट
मुजफ्फरपुर.
जिले में हर महीने एक करोड़ से अधिक की लीवर की दवा बिक रही है. यह हैरान करने वाली बात जरूर है, लेकिन जिस तरह लोगों में यह बीमारी बढ़ रही है, उस लिहाज से दवाओं की खपत भी बढ़ी है. फैटी लीवर में एक ही यूरोडॉक्सलिक एसिड कंपोजीशन की दवा चलती है, जो बहुत महंगी आती है. इसके 15 टैबलेट की कीमत 850 रुपये आती है, लेकिन डॉक्टर के परामर्श से लोगों को ये दवाएं खरीदनी पड़ रही है. शहर के पैथोलॉजी लैब के रिकार्ड के अनुसार दस मरीज का लीवर फंक्शन टेस्ट किया जाता है तो उसमें छह मरीजों का एसजीपीटी और एसजीओटी बढ़ा रहता है. इस बीमारी में डॉक्टर को लीवर की दवाएं लिखनी पड़ती है. कई मरीजों को तो दो तीन महीने तक यह दवा खानी पड़ती है. बहुत सारे लोगों को फैटी लीवर होने का पता ही नहीं चलता. वे पेट में गैस की समस्या को सामान्य मानकर अनियमित और अधिक तेल-मसाले के व्यंजनों का लुत्फ लेते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि इन दिनों बाहरी खान-पान और जंक फूड की वजह से लोगों में फैटी लीवर की समस्या बढ़ रही है. जब तक खान-पान में बदलाव नहीं किया जाएगा, इस बीमारी से लोगों को निजात नहीं मिलेगी.लीवर में चर्बी जमा होने से होती है बीमारी
डॉक्टर कहते हैं कि लीवर में जब बहुत अधिक चर्बी जमा हो जाती है तो फैटी लीवर हो जाता है. खास तौर पर उन लोगों में जिन्हें मधुमेह है और जिनका वजन ज्यादा है, उन्हें यह समस्या होती है. हालांकि इसका कोई लक्षण नहीं हो सकता है, लेकिन यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है. लोग अपनी जीवनशैली में बदलाव कर इस समस्या से निजात पा सकते हैं. स्वस्थ लीवर में बहुत कम या बिलकुल भी वसा नहीं होती है. जो भी व्यक्ति बहुत अधिक भोजन करता है या बाजार का अधिक कैलोरी वाला व्यंजन इस्तेमाल करता है तो शरीर इस अतिरिक्त कैलोरी को वसा में बदलकर उससे निपटता है और यह वसा फिर लीवर की कोशिकाओं में जमा हो जाता है. अधिक मात्रा में चीनी खाने से भी लीवर फैटी हो रहा है. —युवाओं में भी बढ़ रही फैटी लीवर की समस्या
इन दिनों फैटी लीवर की समस्या बढ़ी है. बुजुर्गों के अलावा युवाओं में भी इस तरह की समस्या देखने में आ रही है. लोग जब पेट में गैस होने या पेट दर्द की शिकायत करते हैँ तो उनके पेट की सोनोग्राफी और लीवर फंक्शन टेस्ट कराया जाता है. तो बीमारी का पता चलता है. इससे बचने के लिए लोगों को नियमित व्यायाम या योग करना चाहिए और अपने खान-पान को संतुलित रखना चाहिए.
– डॉ नवीन कुमार
, फिजिशियन—-
बीमारी बढ़ने से दवाओं की बढ़ गयी खपत
फैटी लीवर की समस्या आजकल बढ़ी है. दवाओं की खपत से ही इसका पता चलता है. खासकर इसमें यूरोडॉक्सलिक एसिड कंपोजीशन की दवाएं चलती है. इसके दर्जनों ब्रांड हैं. इन दिनों जिले में करीब एक करोड़ की दवाएं बिक रही हैं. यह दवाएं बहुत महंगी आती हैं. जांच की रिपोर्ट के अनुसार दवाओं की मात्रा और अवधि डॉक्टर लिखते हैं. बीमारी से बचने के लिए खान-पान पर ध्यान देना जरूरी है.– राकेश कुमार पंकज,
जिलाध्यक्ष, बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशनडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है