वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
पिछले साल मलेरिया के पॉजिटिव केस स्वास्थ्य विभाग को मिले थे. इसके अलावा संदिग्ध मामले भी सामने आए. इनमें मलेरिया के लक्षण तो दिखाई दे रहे थे, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आई थी. इस लिहाज से विभाग इस बार अलर्ट हो गया है. सरकारी अस्पताल में बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. मलेरिया के चलते लोगों को दिक्कत नहीं हो, इसके लिए बुखार के मरीजों का मलेरिया टेस्ट कराने का आदेश दिया गया है. इससे समय पर मलेरिया के मरीजों का पता लग जाएगा. विभाग की ओर से ब्लड स्लाइड बनाई जाएगी. यदि कोई मलेरिया पॉजिटिव मिलता है तो उसके घर के आसपास के एरिया में मच्छरों को मारने के लिए एंटी लार्वा एक्टिविटी करायी जाएगी. साथ ही मरीज का पूरा इलाज करने के बाद 6 महीने तक तय समय के अनुसार उनकी दोबारा जांच की जाएगी.
लीवर में बनने लगते हैं मीरोजॉइट्स
जब किसी व्यक्ति को मलेरिया संक्रमित मच्छर काटता है, तो उसमे मौजूद प्लाज्मोडियम परजीवी अपना स्पोरोजॉइट इंफेक्शन खून में लार के रूप में छोड़कर व्यक्ति को संक्रमित कर देता है. शरीर में प्रवेश करने के आधे घंटे के अंदर यह परजीवी व्यक्ति के लिवर को संक्रमित कर देता है. लिवर के भीतर मलेरिया को फैलाने वाले छोटे जीव मीरोजॉइट्स बनने लगते हैं. यह लिवर से रक्त में फैलकर लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है, इससे लाल रक्त कण टूटने लगते हैं और व्यक्ति को मलेरिया हो जाता है.
ये हैं मलेरिया के लक्षण
अचानक सर्दी लगना, फिर गर्मी लगकर तेज बुखार होना, पसीना आकर बुखार कम होना व कमजोर महसूस करना, तेज बुखार जो की 2-7 दिन तक लगातार रहना, सांस लेने में तकलीफ होना , हाथ-पैर में ऐंठन, मिचली, उल्टी आना या महसूस होना, शरीर पर लाल-गुलाबी चकत्ते होना, आंखें लाल रहना, दर्द रहना, हमेशा थका-थका और कमजोरी महसूस करना, भूख न लगना, खाने की इच्छा में कमी, मुंह का स्वाद व पेट खराब होना.