सरस्वती पूजा के चंदे से एमबीबीएस के मृत छात्र के परिवार को दी पांच लाख की आर्थिक सहायता

सरस्वती पूजा के चंदे से एमबीबीएस के मृत छात्र के परिवार को दी पांच लाख की आर्थिक सहायता

By Prabhat Khabar News Desk | February 4, 2025 6:13 AM

एसकेएमसीएच के छात्रों ने कायम की मिसाल, परिवार को दिया पांच लाख

सुमित कुमार, मुजफ्फरपुर

विद्या की देवी मां सरस्वती की आराधना तो सभी छात्र करते हैं, लेकिन भक्ति के भाव के साथ सहयोग की भावना हो तो न केवल भक्ति सफल होती है, बल्कि इंसानियत भी अपने पूरे रूप में दिखता है. ऐसी ही भावना से एसकेएमसीएच के छात्रों ने इस बार सरस्वती पूजा के मौके पर मिसाल कायम की है. छात्रों ने सरस्वती पूजा के लिए आपसी सहयोग के अलावा डॉक्टरों से भी चंदे लिये, लेकिन उस चंदे से पांच लाख की राशि हार्ट अटैक से मरने वाले अपने सहपाठी सुरेंद्र कुमार के परिवार वालों को सौंप दी. सुरेंद्र सहरसा के रहने वाले थे और मेडिकल के दूसरे वर्ष के छात्र थे. पिछले दिनों अचानक उनकी मौत हो गयी थी. सुरेंद्र के घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. इनके पिता गांव में साइकिल पर फेरी कर कपड़ा बेचते थे. सुरेंद्र मेडिकल की पढ़ाई करते हुए घर की जिम्मेदारी भी संभालते थे. वह यहां खुद पढ़ने के अलावा ट्यूशन भी पढृ़ाते थे और उससे होने वाली आय का एक बड़ा हिस्सा अपने घर भेजते थे. उनके निधन के बाद जब उनके सहपाठियों का यह पता चला तो सभी छात्रों ने बैठक कर यह तय किया कि वे सुरेंद्र के परिवार की मदद करेंगे. उस दौरान सरस्वती पूजा के लिए चंदा जमा किया जा रहा था. सभी छात्रों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया कि चंदे की राशि से सिर्फ मूर्ति पूजा होगी, सजावट और अन्य खर्चे नहीं किये जाएंगे. बची हुई राशि सुरेंद्र के परिवार को सौंपी जायेगी. इसके बाद छात्रों ने सरस्वती पूजा से पहले सुरेंद्र के घर जाकर उनके पिता को राशि दी. मेडिकल छात्र कृष्ण मुरारी ने कहा कि सहपाठी की मौत से हमलोग काफी सदमे थे. जब हमलोगों को उसकी आर्थिक स्थिति की जानकारी हुई तभी से मन में यह विचार आने लगा कि इनके परिवार की कैसे मदद की जाये. उनके परिवार को रुपया सौंप कर आत्मसंतुष्टि मिली है. आगे भी हमलोग उनके परिवार की मदद करेंगे.

वर्जन

मेडिकल छात्रों ने काफी सराहनीय काम किया है. छात्रों का इस निर्णय पर हमलोगों को गर्व है. सुरेंद्र के परिवार को आर्थिक सहायता की जरूरत थी. छात्रों ने एक मिसाल कायम की है. इंसानियत का यही जज्बा छात्रों में होना चाहिए़.

प्रो आभा रानी, प्राचार्य, श्रीकृष्ण सिंह मेडिकल कॉलेज

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