एसएनसीयू व पीकू में फायर ऑडिट हर तीन महीने पर
एसएनसीयू व पीकू में फायर ऑडिट हर तीन महीने पर
-यूपी के झांसी मेडिकल काॅलेज में हुई घटना से लिया सबक-आग से सुरक्षा काे लेकर सरकार ने लिये कई निर्णय
मुजफ्फरपुर.
एसएनसीयू व पीकू में फायर ऑडिट अब हर तीन महीने पर किया जायेगा. यूपी के झांसी मेडिकल काॅलेज में एसएनसीयू में आग लगने की घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है. एसएनसीयू व पीकू में आग की सुरक्षा काे लेकर सरकार ने कई निर्णय लिए है. इसके तहत सभी एसएनसीयू व पीकू में फायर ऑडिट प्रत्येक तीन माह पर कराने का निर्देश दिया गया है. राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने एसकेएमसीएच के अधीक्षक व सिविल सर्जन काे पत्र लिखकर फायर ऑडिट कराने के निर्देश दिये हैं.उपकरणों की होगी परख
इसके तहत अगलगी की घटना से बचाव के लिए पीकू व एसएनसीयू में बिजली व उससे चलने वाले उपकरणाें की जांच की जायेगी. वहीं लगे वाेल्टेज स्टेबलाइजर, अर्थिंग, वाेल्टेज फ्लूएक्चूएशन, स्टाफ ट्रेनिंग, फायर ड्रिल, इंसिडेंट रजिस्टर, टेस्टिंग एंड मेंटेनेंस, फायर अलार्म, इमरजेंसी, लाइटिंग, स्माेक वेंटिलेशन सिस्टम व फायर एक्जस्ट सिस्टम आदि का ऑडिट किया जायेगा.
माॅक ड्रिल भी समय-समय पर की जाये
कार्यपालक निदेशक ने कहा है कि सदर अस्पताल में माॅक ड्रिल भी समय-समय पर की जाय. इसमें अग्निशमन विभाग व बिजली विभाग की ओर से माॅक ड्रिल कर आग से बचाव की कर्मियाें काे ट्रेनिंग भी मिले. इसमें जिला अग्निशमन की ओर से स्वास्थ्य कर्मियों को आग लगने पर सबसे पहले क्या करना है? आग से बचाव के लिए अग्निशमन यंत्र का कैसे प्रयाेग करना है? भर्ती मरीजाें काे कैसे बाहर निकालना है? इमरजेेंसी हाे गई ताे कैसे निपटना है? इसकी ट्रेनिंग दी जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है