-एइएस के 31 केस में से 17 बच्चे पांच प्रखंडों के रहनेवाले हैं मुजफ्फरपुर. एइएस (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम ) से जनवरी से लेकर जून तक जो 31 बच्चे पीड़ित हुए हैं, उनमें सबसे ज्यादा 17 बच्चे जिले के पांच प्रखंड के रहनेवाले हैं. ये वही प्रखंड हैं, जिन्हें बीमारी के लिहाज से डेंजर जोन में रखा गया है. इसमें शहरी क्षेत्र के भी दो बच्चे पीड़ित होने के बाद पीकू वार्ड में भर्ती कराये गये हैं. जिले के पांच प्रखंड एइएस के लिए डेंजर जोन में हैं. इनमें कुढ़नी, मीनापुर, मोतीपुर, पारु व बंदरा से अब तक एइएस पीड़ित होकर बच्चे एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में पहुंचे हैं. हालांकि अबतक जिला का एक भी बच्चे एइएस से नहीं मरा है. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार एसकेएमसीएच स्थित पीकू वार्ड में पांच जिलों से एइएस पीड़ित बच्चों को इलाज के लिए भर्ती किया गया हैं. इसमें मुजफ्फरपुर के 17, सीतामढ़ी के 4, वैशाली का एक, पूर्वी चंपारण का पांच, शिवहर का तीन और एक बच्चा गोपालगंज का रहने वाले हैं. इन प्रखंडों से एइएस पीड़ित हुए बच्चे बोचहां- 2 कटरा 1 सकरा- 1 कुढ़नी- 3 मीनापुर- 3 मोतीपुर- 1 मुशहरी- 5 सरैया- 1 ————— दो बच्चों में एइएस की पुष्टि एक जिला का व दूसरा पूर्वी चंपारण का रहने वाला मुजफ्फरपुर. शुक्रवार को दो बच्चे में एइएस की पुष्टि हुई. जबकि जिले के दो बच्चे चमकी बुखार से पीड़ित होकर भर्ती कराये गये हैं. दो बच्चों में से एक तुर्की का और दूसरा पूर्वी चंपारण का रहनेवाला है. पीड़ित रामेश्वर कुमार का तीन साल का बेटा आदित्य कुमार है. वहीं दूसरा बच्चा पूर्वी चंपारण का है. बच्चे को परिजन चमकी बुखार की हालत में दस जून को भर्ती कराए थे. पैथोलॉजी रिपोर्ट में शुगर का स्तर कम था. हाइपोग्लाइसीमिया बताते हुए डॉक्टर ने एइएस करार दिया. बच्चे का इलाज डॉ. गोपाल शंकर सहनी के यूनिट में चल रहा था. बेहतर होने पर उसे डिस्चार्ज कर दिया गया. पीड़ित बच्चों की संख्या अब 31 हो गई.
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