मुजफ्फरपुर : डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने सोमवार को जिले व प्रखंड अधिकारियों के साथ बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के दौरान कहा कि बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं है, सभी अधिकारी अलर्ट मोड में रहें. बैठक में मुख्य रूप से नावों का भुगतान, सामुदायिक रसोईघर का संचालन व संपूर्ति पोर्टल पर एंट्री आदि की समीक्षा की गयी और आवश्यक निर्देश दिये गये. बैठक में सभी प्रखंड के वरीय पदाधिकारी, बीडीओ, सीओ वीसी से जुड़े हुए थे.
बैठक में बताया गया कि जिले में अभी 15 प्रखंडों की 275 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हैं. इनमें 180 पूर्ण रूप से व 95 आंशिक रूप से. अबतक मृतकों की संख्या छह है. 13 पशुओं की भी मौत हुई. 16 मोटर बोट चलाये जा रहे हैं. 45 स्वास्थ्य केंद्र चालू हैं. 28,587 हैलोजन टैबलेट, बाढ़ सहायता में कुल 152.54 करोड़ राशि का भुगतान हुआ. 71,908 पॉलीथिन सीट, 57,033 सूखा राशन पैकेट का वितरण किया गया. डीएम ने कहा कि प्रखंडों के वरीय प्रभारी पदाधिकारी अपने-अपने प्रखंडों में नियमित रूप से जाएं.
इधर, बूढ़ी गंडक नदी के मुख्य बांध से सटे बालूघाट, चंदवारा सहित आसपास के कई मुहल्लों में जमा पानी को निकालने के लिए नगर निगम मंगलवार को स्पेशल ड्राइव चलायेगा. मंत्री सुरेश शर्मा के निर्देश के बाद अपर नगर आयुक्त स्पेशल ड्राइवर का नेतृत्व करेंगे. अपर नगर आयुक्त ने बताया कि सोमवार को पूरे इलाके का दौरा कर उन्होंने स्थिति का जायजा लिया है. मंगलवार को आवश्यक उपकरणों के साथ नगर निगम की पूरी टीम प्रभावित मुहल्ले से जलजमाव की समस्या के निदान की कोशिश करेगी. इसके लिए सभी तरह की तैयारी पूरी कर ली गयी.
जलजमाव वाले मुहल्ले में कूड़ा नहीं उठना बड़ी समस्या बन गयी है. जगह-जगह कूड़े का अंबार सड़क किनारे या फिर मुहल्ला के गेट पर लगा है. जलजमाव के बीच चंद्रलोक चौक पर सड़क व नाला के स्लैब पर कई दिनों से कूड़े का अंबार लगा हुआ है. इसी तरह की समस्या बीबीगंज, मिठनपुरा व सादपुरा पड़ाव पोखर शंकरपुरी मोड़ के पास भी है. निगम प्रशासन को अविलंब गंदगी की सफाई करना चाहिए, ताकि जलजमाव के बीच लोगों के बीच गंदगी से किसी तरह की बीमारी न फैले.
सकरा. प्रखंड के हुस्सेपुर चौक के निकट महुआ मुजफ्फरपुर सड़क पर करीब दो सौ मीटर में दो से ढाई फीट बाढ का पानी बह रहा है. जिससे बड़े वाहनों का आवागमन ठप हो गया है. ज़िला पार्षद सुरेश प्रसाद यादव ने उक्त सड़क पर पानी का बहाव रोकने एवं आवागमन सुचारू कराने की मांग पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता से की है.
इस बीच बार-बार अल्टीमेटम देने के बाद भी शहरी क्षेत्र से जलजमाव की समस्या का निदान नहीं होने पर मंत्री सुरेश शर्मा ने सख्त तेवर अपनाते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है. सोमवार की शाम नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव आनंद किशोर व बुडको के एमडी की मौजूदगी में हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मंत्री ने निगम के कार्यपालक अभियंता अशोक कुमार सिन्हा की कार्यशैली से नाराज होकर उनके वेतन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. साथ ही नगर आयुक्त मनेश कुमार मीणा से स्पष्टीकरण की मांग की गयी है. नगर आयुक्त पर आरोप है कि निर्देश के बावजूद वे सड़क का टेंडर निकालने, फॉगिंग मशीन सहित आवश्यक सफाई उपकरणों की खरीदारी की प्रक्रिया में विलंब की है.
posted by ashish jha