पानी कम होने पर भी खुले आसमान के नीचे रहेंगे बाढ़ पीड़ित
दरभंगा : पानी घटने के क्रम के साथ ही बाढ पीड़ितों की मुसीबत बढ़ती ही जा रही है. वार्ड आठ व नौ में छह दर्जन से अधिक झोपड़ियां पानी के कारण धराशायी हो गयी है. सतिहारा टोल में मिडिल स्कूल के समीप दर्जनों झोपड़ियां पानी के बीच बिखड़ी पड़ी हैं.
दरभंगा : पानी घटने के क्रम के साथ ही बाढ पीड़ितों की मुसीबत बढ़ती ही जा रही है. वार्ड आठ व नौ में छह दर्जन से अधिक झोपड़ियां पानी के कारण धराशायी हो गयी है. सतिहारा टोल में मिडिल स्कूल के समीप दर्जनों झोपड़ियां पानी के बीच बिखड़ी पड़ी हैं.
पासवान टोल जाने वाली मुख्य आरसीसी पथ के नीचे से मिट्टी निकल गया है. सड़क ध्वस्त होने का खतरा बन गया है. चमरटोली में भी कुछ झोपड़ियां गिर गयी है. चनहरिया मोहल्ला में भी झोपड़ी गिरने से पीड़ित परिवार परेशान दिख रहे हैं. बेघर हुये बाढ़ पीड़ितों के आशियाना छिन जाने से सिर छिपाने की चिंता सता रही है. मेहनत-मजदूरी कर बांस-बल्ला व मिट्टी से तैयार घरौंदा जमींदोज हो जाने से पीड़ितों के पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है.
इन वार्डों के कुछ इलाके में अभी भी पानी जमा है. पीड़ित प्रशासन से मदद मिलने की आस लगा रखी है. मोहल्ला में पानी प्रवेश करने तथा घरों में घुसने से जान बचाने के लिये बाढ़ पीड़ितों में कुछ खुले आसमान के नीचे समय गुजार रहे हैं, तो कुछ ने स्कूलों में शरण ले रखा है.
पासवान टोल मवि स्कूल में शरण लिये हुये शरणार्थी बाढ़ पीड़ितों में मिथिलेश पासवान, शत्रुधन पासवान, सतावन पासवान, लीला पासवान, कैलाश तिवारी, कैलाश पासवान, इश्वर पासवान, अजय पासवान, रामनरेश पासवान व सिकंदर पासवान का कहना है कि बाढ़ ने कही का नहीं छोड़ा. पहले घर से बेघर कर दिया.
posted by ashish jha