मुजफ्फरपुर में विदेश भेजने के नाम पर चल रहा था ठगी, जमुई में बड़े नेटवर्क का हुआ खुलासा

Bihar Cyber Crime: मुजफ्फरपुर में विदेश भेजने के नाम पर बेरोजगार युवाओं से लाखों रुपये की ठगी का जाल सामने आया है. जमुई साइबर पुलिस ने शहर में छापेमारी कर आरोपी की तलाश की, लेकिन वह फरार मिला. इस ठगी के नेटवर्क में कई जिले और राज्य शामिल हैं.

By Anshuman Parashar | January 24, 2025 9:42 PM

Bihar Cyber Crime: जमुई जिले में विदेश भेजने के नाम पर बेरोजगार युवाओं से लाखों रुपये की ठगी के तार मुजफ्फरपुर से जुड़े पाए गए हैं. शुक्रवार को जमुई साइबर थाने की टीम ने इंस्पेक्टर ओम प्रकाश दुबे के नेतृत्व में मुजफ्फरपुर के पताही स्थित एक संदिग्ध ठिकाने पर छापेमारी की. सदर थाना पुलिस की मदद से की गई इस कार्रवाई में आरोपी फरार पाया गया. उसके पिता ने पुलिस को बताया कि उनका बेटा मोतीपुर में है. काफी इंतजार के बाद भी आरोपी नहीं आया, जिसके बाद पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा.

साइबर ठगी का मामला

जमुई साइबर पुलिस के मुताबिक, दो जनवरी को एक युवक को मैसेंजर पर उसके विदेश में रहने वाले चाचा की आईडी से मैसेज आया. युवक, ठगों को चाचा समझकर बातचीत करने लगा। चैटिंग के दौरान उसे 6 लाख रुपये भेजने के लिए कहा गया और बैंक खाता नंबर मांगा गया. बाद में मैसेंजर पर एक फर्जी बैंक रसीद भी भेजी गई, जिसमें 4.50 लाख रुपये जमा दिखाए गए थे. ठगों ने यह भी कहा कि वीजा और पासपोर्ट ब्लॉक हो गए हैं और इसे अनब्लॉक कराने के लिए 70 हजार रुपये की जरूरत होगी. ठगों ने मोबाइल नंबर और एक स्कैनर भेजकर रकम वसूल ली.

मुजफ्फरपुर में सक्रिय नेटवर्क

पुलिस जांच में पता चला कि इस ठगी में मुजफ्फरपुर के एक व्यक्ति का हाथ है. सदर थाना पुलिस ने उसके ठिकाने पर छापा मारा, लेकिन आरोपी फरार मिला. पुलिस ने आरोपी की पहचान कर ली है और जल्द ही उसके खिलाफ कुर्की व इश्तेहार की कार्रवाई की जाएगी.

बड़ा ठगी नेटवर्क

पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ है कि विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाला यह एक बड़ा नेटवर्क है. राज्य के विभिन्न जिलों में दर्जनों बेरोजगार युवकों को अलग-अलग देशों का वीजा दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी की गई है. कई पीड़ितों ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है.

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ब्रह्मपुरा में भी पकड़ा गया था गिरोह

फरवरी 2024 में ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के मेहंदी हसन चौक पर उत्तर बिहार के 40 से अधिक युवकों से ठगी करने वाला नेटवर्क पकड़ा गया था. वहां से कंप्यूटर और अन्य उपकरण जब्त किए गए थे. इस गिरोह का नेटवर्क दिल्ली तक फैला हुआ था. हालांकि, इस मामले में भी पुलिस कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई.

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