कॉस्मेटिक दुकानदार के जीएसटी नंबर का गलत इस्तेमाल करके तीन करोड़ का किया फ्रॉड
श्वेता झा के ज्योत्सना कॉस्मेटिक सेंटर के नाम से जारी जीएसटी का फर्जी तरीके से इस्तेमाल करके तीन करोड़ का फ्रॉड किया गया है.
-बेनीबाद थाना क्षेत्र के सुभाष केशो गांव का रहने वाला है पीड़ित
-पीड़ित साइबर थाने पहुंच कर मामले की दी लिखित शिकायतमुजफ्फरपुर.
बेनीबाद थाना क्षेत्र के सुभाष केशो गांव के रहने वाली श्वेता झा के ज्योत्सना कॉस्मेटिक सेंटर के नाम से जारी जीएसटी का फर्जी तरीके से इस्तेमाल करके तीन करोड़ का फ्रॉड किया गया है. जीएसटी के ऑफिसर जब श्वेता झा के घर पर पहुंचे तब उसको फ्रॉड होने की जानकारी मिली है. फ्रॉड की शिकार महिला कॉस्मेटिक दुकानदार ने दरभंगा जिले के रहने वाले अपने एक रिश्तेदार पर फर्जीवाड़ा में शामिल होने की आशंका जाहिर की है. मामले को लेकर श्वेता झा के पति जितेंद्र झा मंगलवार को साइबर थाने पहुंच कर लिखित शिकायत दी है. साइबर थाने की पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है. पुलिस को दी लिखित शिकायत में श्वेता झा ने बताया कि वह बेनीबाद थाना के सुभाष केशो गांव की रहने वाली है. वह सितंबर 2020 से अपने गांव में ज्योत्सना कॉस्मेटिक सेंटर के नाम से दुकान चलाती है. जून 2021 में दरभंगा के रहने वाले उसके एक रिश्तेदार ने सुझाव दिया कि मुझे एक जीएसटी नंबर ले लेना चाहिए. तुम्हारे व्यवसाय में लोन की जरूरत पड़ेगी तो जीएसटी नंबर से आसानी से मिल जायेगा. इस तरह की बातें बोलकर उसको झांसे में ले लिया. नौ जून 2021 को उसके नाम पर आवेदन रख कर ज्योत्सना कॉस्मेटिक सेंटर के नाम पर एक जीएसटी नंबर ले लिया.जीएसटी के अधिकारी घर पर पहुंचे तब हुई फ्रॉड की जानकारी
इस जीएसटी नंबर को रजिस्टर्ड करने के लिए अपने रिश्तेदार के कहने पर अपने मोबाइल पर व्हाट्सएप के माध्यम से उसका आधार व पैन कार्ड मंगवा लिया. जीएसटी के आवेदक नंबर की जानकारी में उसके रिश्तेदार ने उसके मोबाइल नंबर व इमेल एड्रेस की जगह अपना मोबाइल नंबर व इमेल एड्रेस डाल लिया. उसके मोबाइल पर केवल मार्च व अप्रैल 2022 में ही दो बार ओटीपी आया. दोनों ओटीपी मोबाइल के माध्यम से उसके रिश्तेदार ने पूछ लिया था. इसके बाद से अब तक उनके मोबाइल पर कोई ओटीपी नहीं आया. बीते 17 व 18 नंबर 2024 को सुभाष केशो गांव स्थित आवास पर कुछ लोग आये. उन्होंने अपना परिचय जीएसटी के अधिकारी के रूप में देते हुए कहा कि वे लोग मुजफ्फरपुर जीएसटी ऑफिस से आये हैं.रिश्तेदार के सुझाव पर आधार व पैन कार्ड दिया था
उन्होंने बताया कि आपके नाम से जारी जीएसटी नंबर पर तीन करोड़ रुपये का बकाया है. यह रुपये आपको ही जमा करना है. आठ दिसंबर 2024 को जब वह जीएसटी नंबर और अपने आइटीआर से संबंधित जानकारी इकट्ठा करना शुरू किया. जब उनके जीएसटी नंबर से हुए फर्जीवाड़े की जानकारी मिली. उसके रिश्तेदार ने उनसे कई बार मुझसे मेरे आधार से संबंधित ओटीपी भी मांगा था. श्वेता झा ने साइबर पुलिस से आग्रह किया है कि वह अपने पति के साथ छोटा- मोटा कॉस्मेटिक का दुकान चलाती है. उसको ना तो जीएसटी के बारे में कोई जानकारी नहीं है, और ना ही पहले सुना था. दरभंगा के रहने वाले उसके रिश्तेदार के सुझाव पर उसको आधार व पैन कार्ड दिया था. उसका मोबाइल नंबर भी उसके जीएसटी नंबर में दर्ज नहीं किया गया. रिश्तेदार पर भरोसा करके जीएसटी नंबर साझा की थी. श्वेता झा ने आशंका जाहिर की है कि उसके जीएसटी नंबर का प्रयोग करके कोई बड़ा फ्रॉड किया गया है. यह राशि करोड़ों में हो सकती है. उसके आधार व पैन का गैर कानूनी काम में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है