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आज से हत्या की धारा 302 नहीं 103 होगी, आइपीसी की जगह अब भारतीय न्याय संहिता में दर्ज होगा केस

आज से हत्या की धारा 302 नहीं 103 होगी, आइपीसी की जगह अब भारतीय न्याय संहिता में दर्ज होगा केस

मुजफ्फरपुर. आइपीसी अब भारतीय न्याय संहिता कहलायेगी. नया आपराधिक कानून सोमवार से लागू किया जा रहा है. इसके तहत अधिकांश आपराधिक धाराएं बदल गयी है. अब हत्या की धारा 302 की जगह बीएनएस में 103 होगी. नये आपराधिक कानून में आइपीसी और सीआरपीसी में बदलाव किया गया है. नए आपराधिक कानून लागू होने को लेकर सोमवार को जिले के सभी थानों पर सुबह 10 से साढ़े दस बजे के बीच में एक गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा. इसमें थानेदार के साथ- साथ वरीय पदाधिकारी भी शामिल होंगे. गोष्ठी में थाना क्षेत्र के बुद्धिजीवी, जन प्रतिनिधि, शांति समिति के सदस्य व आम जनता को बुलाया जाएगा. एसएसपी राकेश कुमार भी अपने कार्यालय से जिलेवासियों को संबोधित करेंगे. जानकारी हो कि नए आपराधिक कानून के तहत अब आइपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता में केस दर्ज किया जाएगा. इसको लेकर अधिकांश धाराएं बदली गयी है. इसमें क्राइम के प्रमुख हेड हत्या, लूट, बलात्कार, डकैती, चोरी, छेड़खानी, अपहरण आदि शामिल है. अनुसंधान के पद्धति में भी बदलाव किया गया है. नया आपराधिक कानून लागू करने से पूर्व जिले के सभी थानेदार व पुलिस पदाधिकारियों को ट्रेनिंग भी दी गयी है. आइपीसी की तीन धाराएं 442 गृह अतिचार, 445 गृहभेदन, 447 आपराधिक अतिचार के लिए दंड को भारतीय न्याय संहिता के एक ही धारा 330 बीएनएस में समाहित किया गया है. —– अब ऐसी होंगी धाराएं आइपीसी बीएनएस हत्या 302 103 हत्या का प्रयास 307 109 मारपीट 323 115 छेड़छाड़ 354 74 नाबालिग का अपहरण 363 139 रेप करना 376 64 लूट करना 392 309 धोखाधड़ी 420 318 दहेज हत्या 304 बी 80 जान मारने की धमकी देना 506 351

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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