मुजफ्फरपुर के राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज में छात्राओं को मिलेगी छात्रावास की सुविधा, सरकार ने जारी किया करोड़ों का बजट
Rajkiya Polytechnic College: बिहार के मुजफ्फरपुर में राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज नयाटोला में अध्ययनरत छात्राओं को अब जल्द ही छात्रावास की सुविधा मिलेगी. इसको लेकर विज्ञान, प्रावैधिकी और तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से कुल 22.28 करोड़ रुपये का बजट बनाया है.
Rajkiya Polytechnic College: बिहार के मुजफ्फरपुर में राजकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज नयाटोला में अध्ययनरत छात्राओं को अब जल्द ही छात्रावास की सुविधा मिलेगी. इसको लेकर विज्ञान, प्रावैधिकी और तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से कुल 22.28 करोड़ रुपये का बजट बनाया है. डीपीआर बनाने के बाद भवन निर्माण विभाग ने निविदा की प्रक्रिया शुरू कर दी है. 300 बेड की क्षमता वाले इस महिला छात्रावास का भवन छह मंजिला होगा. यहां सभी अत्याधुनिक सुविधाएं छात्राओं को दी जाएंगी.
विभाग ने स्पष्ट रूप से क्या कहा
30 अक्टूबर को निविदा खोली जाएगी. विभाग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि 15 महीने में छात्रावास के निर्माण के साथ ही अंतिम रूप देते हुए इसी राशि में विद्युतीकरण का कार्य भी पूरा कर लेना है. दूसरे जिले की वैसी छात्राएं जो वर्तमान में इस संस्थान में दाखिला लेती हैं. उन्हें किराये पर कमरा लेकर रहना पड़ता है. आसपास के क्षेत्र का किराया काफी अधिक है. इस कारण आर्थिक रूप से कमजोर छात्राएं परेशान थीं.
छात्र-छात्राओं को छात्रावास की सुविधा नहीं मिल पा रही
अब विभाग की ओर से गन्नीपुर में छात्रावास के निर्माण को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. निविदा के साथ ही निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा. बता दें कि पहले से ही कॉलेज परिसर में छह सौ छात्र-छात्राओं के रहने के लिए छात्रावास का निर्माण कराया गया है. छात्रावास बनतर तैयार हो गया है. विद्युतीकरण का कार्य पूरा होने के बाद इसमें भी विद्यार्थियों के रहने की व्यवस्था की जाएगी. अबतक यहां छात्र-छात्राओं को छात्रावास की सुविधा नहीं मिल पा रही थी.
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MIT में छात्रावास बनकर है तैयार
MIT में भी इस वर्ष नये सत्र में छात्राओं को छात्रावास में रहने के लिए जगह कम पड़ गयी है. नामांकन लेने वाली 60 प्रतिशत से अधिक छात्राओं को छात्रावास में जगह खाली नहीं होने के कारण बाहर किराये पर कमरा लेकर रहना पड़ रहा है. परिसर में ही छात्राओं के लिए तैयार किया गया छात्रावास लगभग बनकर तैयार है. डेढ़ वर्ष से इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा रहा है. बताया गया है कि भुगतान नहीं होने पर ठेकेदार ने बीच में ही कार्य रोक दिया है.