बिहार के मजदूरों के बच्चों का डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना होगा पूरा, सरकार देगी ट्यूशन फीस
श्रम विभाग के बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा पंजीकृत श्रमिकों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सामाजिक सुरक्षा से संबंधित एक दर्जन से अधिक योजनाएं चलायी जा रही हैं. एक वर्ष से अधिक समय से पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों को आईआईटी, आईआईएम और एम्स जैसे संस्थानों में प्रवेश मिलने पर पूरी ट्यूशन फीस देने का प्रावधान है
धनंजय पांडेय, मुजफ्फरपुर. मजदूरों के बच्चों का भी अब डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना आसानी से पूरा हो सकेगा. सरकार ऐसी कई योजनाएं चला रही है, जिसकी मदद से वे अपना लक्ष्य हासिल कर सकेंगे. श्रम विभाग के बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की ओर से पंजीकृत श्रमिकों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य व सामाजिक सुरक्षा से जुड़े दर्जन भर से अधिक योजनाएं संचालित की जा रही है. पूरे राज्य में 25.21 लाख श्रमिकों का पंजीकरण है, जिसमें मुजफ्फरपुर के 1.22 लाख श्रमिक है. पटना में सबसे अधिक 2.51 लाख श्रमिकों का पंजीकरण है, जबकि दूसरे स्थान पर 1.61 लाख पंजीकृत श्रमिकों के साथ पश्चिमी चंपारण है. हालांकि अधिकतर श्रमिक जागरूकता के अभाव में योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते.
किस कोर्स के बच्चों को मिलेगी कितनी रकम
एक वर्ष से अधिक समय से पंजीकृत श्रमिक के बच्चों को आइआइटी, आइआइएम व एम्स जैसे संस्थान में दाखिला होने पर पूरा ट्यूशन फीस देने का प्रावधान है. इसके अलावा बीटेक में दाखिला होने पर 20 हजार रुपये, सरकारी पॉलिटेक्निक, नर्सिंग या समकक्ष डिप्लोमा कोर्स में अध्ययन के लिए 10 हजार रुपये और आइटीआइ के लिए पांच हजार रुपये दिये जायेंगे. मैट्रिक या इंटर की परीक्षा में अच्छे अंक लाने पर भी बोर्ड की ओर से 10 से 25 हजार रुपये तक प्रोत्साहन राशि दी जायेगी.
पितृत्व लाभ के साथ ही बेटी की शादी के लिए भी अनुदान
पंजीकृत श्रमिकों को पितृत्व लाभ के रूप में पत्नी के दो प्रसव के लिए छह-छह हजार रुपये दिये जाते हैं. वहीं महिला श्रमिक को प्रथम दो प्रसव के लिए न्यूनतम मजदूरी के अनुसार 90 दिन की मजदूरी के समान राशि दी जाती है. दो वयस्क पुत्री की शादी पर 50-50 हजार रुपये के साथ ही इलाज के लिए भी अनुदान दिया जाता है. श्रमिक की स्वाभाविक मृत्यु पर दो लाख और हादसे में मृत्यु पर चार लाख रुपये अनुदान है.स्थायी दिव्यांगता पर एकमुश्त 75 हजार रुपये और आंशिक दिव्यांगता पर 50 हजार रुपये का अनुदान दिया जाना है.
इस श्रेणी के श्रमिक होंगे पंजीकृत
सड़क, पुल, बांध व भवन निर्माण कार्य में आधुनिक यंत्र चलाने वाले, राज मिस्त्री, हेल्पर, भवन व सड़क निर्माण में लगे अकुशल कामगार, सीमेंट व गारा मिक्स ढोने वाली महिला, लोहार, बढ़ई, पेंटर, इलेक्ट्रिशियन, टाइल्स का कार्य करने वाले मिस्त्री व सहायक, सेंटरिंग व लोहा बांधने वाले, गेट, ग्रिल व वेल्डिंग का कार्य करने वाले, कंक्रीट मिश्रण मशीन चलाने वाले, मिश्रण करने वाले व ढोने वाले, रोलर चालक, सड़क, पुल व बांध निर्माण में लगे मजदूर, निर्माण स्थल पर लगे चौकीदार, प्लंबर व फिटर, रेलवे, टेलीफोन व हवाई अड्डा के निर्माण में लगे अकुशल कामगार, ईंट निर्माण व पत्थर तोड़ने में लगे मजदूर और बागवानी व वानिकी को छोड़कर मनरेगा कार्य में लगे मजदूर.
उत्तर बिहार में पंजीकृत श्रमिक
मुजफ्फरपुर | 122361 |
पूर्वी चंपारण | 110257 |
पश्चिमी चंपारण | 161480 |
शिवहर | 14739 |
सीतामढ़ी | 73472 |
समस्तीपुर | 80789 |
मधुबनी | 41184 |
दरभंगा | 65191 |
वैशाली | 68914 |
निबंधन के लिए 18 साल से अधिक हो उम्र
बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड से संचालित योजनाओं का लाभ लेने के लिए निबंधन जरूरी है. इसके लिए 18 से 60 साल के बीच कामगार की उम्र होनी चाहिए.
20 रुपये निबंधन शुल्क, 50 पैसे मासिक अंशदान
बोर्ड में निबंधन के लिए 20 रुपये शुल्क निर्धारित है. वहीं, मासिक अंशदान 50 पैसे के हिसाब से पांच साल का अंशदान 30 रुपये जमा करना होता है. पांच साल बाद श्रमिक को पुन: निबंधन का नवीनीकरण कराना होगा.
ऑनलाइन निबंधन के लिए लिंक- www.bocw.bihar.gov.in
आवश्यक कागजात- आधार कार्ड, बैंक पासबुक, रंगीन नवीनतम फोटो, आवेदन की तिथि से एक वर्ष पूर्व में 90 दिन काम करने का प्रमाणपत्र