बिहार में भी प्लास्टिक कचरे से बनेगा ग्रीन हाइवे, देश के 60 एक्सपर्ट से लिया गया सुझाव
सड़क निर्माण में प्लास्टिक कचरे के उपयोग पर जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा कोलकाता में आयोजित प्रशिक्षण में उत्तर बिहार से समस्तीपुर के कार्यपालक अभियंता ने भाग लिया
ललितांशु, मुजफ्फरपुर. Green Highway From Plastic Waste: प्लास्टिक के कचरे को अब सूबे स्तर पर सड़क निर्माण में उपयोग में लाया जायेगा. यह वर्तमान में बन रही सड़क से अधिक मजबूत और टिकाऊ होंगी. ग्रीन हाईवे में प्लास्टिक कचरे को टिकाऊ सड़कों में बदलने की तैयारी शुरू कर दी गई है. भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से 12 से 14 जून तक कोलकाता में इस विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था. जिसमें राज्य स्तर पर उत्तर बिहार से समस्तीपुर जिले से पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता राम सकल सिंह को चयनित किया गया था.
आरसीडी के शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान की ओर से जारी चयन के आधार पर कार्यपालक अभियंता प्रशिक्षण में शामिल हुए. जिसमें प्लास्टिक कचरे को रिसाइकिल कर वैसे मेटेरियल को अलग करने के बारे में जानकारी दी गयी, जिसे सड़क निर्माण में उपयोग में लाया जा सके. विभाग की ओर से जल्द ही सूबे स्तर पर भी इस विषय पर एक्सपर्ट के साथ मीटिंग आयोजित होने की तैयारी चल रही है.
देश भर के 60 एक्सपर्ट से लिया गया सुझाव
समस्तीपुर आरसीडी के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि कोलकाता के प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश भर से इंजीनियर के साथ कुल 60 एक्सपर्ट शामिल हुए थे. इस दौरान सभी लोगों से हरित राजमार्ग में प्लास्टिक अपशिष्ट से टिकाऊ सड़क निर्माण के बारे में सुझाव लिया गया. बताया गया कि देश और दुनिया में प्लास्टिक के कचरे से सड़कों का निर्माण की दिशा में काम हो रहा है. प्लास्टिक मिश्रित सड़क के बारिश में भी खराब होने की आशंका कम होती है. राज्य स्तर पर इस कार्यक्रम में अधीक्षण अभियंता जीएम इन चार्ज, बिहार राज्य पथ विकास निगम लि. पथ निर्माण विभाग शामिल हुए.
पर्यावरण स्थिरता में होगा सुधार
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, राष्ट्रीय जल एवं स्वच्छता संस्थान कोलकाता में प्रशिक्षण कार्यक्रम में कई अहम जानकारी दी गयी. जिसमें बताया गया कि पर्यावरण स्थिरता में सुधार के अलावा, प्लास्टिक से बनी सड़कें अधिक टिकाऊ और लागत प्रभावी पायी जाती हैं. प्लास्टिक और बिटुमेन एक साथ अच्छी तरह से जुड़ते हैं, क्योंकि दोनों पेट्रोलियम उत्पाद हैं. यह संयोजन सड़क की वजन उठाने की क्षमता के साथ-साथ इसके जीवन को भी बढ़ाता है. सड़कें भारी बारिश से होने वाले नुकसान के प्रति अधिक प्रतिरोध भी दिखाती हैं.
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