Muzaffarpur News: स्मार्ट सिटी, मेट्रो के बाद अब मुजफ्फरपुर को एक और बड़ा प्रोजेक्ट मिला है. राज्य सरकार ने मुजफ्फरपुर को ग्रीन टाउनशिप प्रोजेक्ट के लिए चयन किया है. राज्य के एक दर्जन से अधिक शहरों का चयन हुआ है. इसमें मुजफ्फरपुर के साथ उत्तर बिहार से दरभंगा शामिल है. कागजी कार्रवाई प्रारंभ होने के बाद धरातल पर काम को शुरू करने से पूर्व मंगलवार को नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने मीटिंग की. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई मीटिंग में चयनित शहरों के नगर आयुक्त व टाउन प्लानर शामिल थे.
नगर आयुक्त को जमीन चिह्नित करने का निर्देश
नगर आयुक्त को ग्रेटर मुजफ्फरपुर यानी मुजफ्फरपुर आयोजना क्षेत्र में 500-1000 एकड़ वाले बड़े एरिया को चिह्नित करने का आदेश दिया गया है, जिसकी दूरी वर्तमान नगर निगम क्षेत्र की चौहद्दी (सीमा) से पांच से सात किलोमीटर के अंदर होनी चाहिए. सैटेलाइट सर्वे कर जमीन चिन्हित होंगे. इसके बाद ग्रीनफील्ड टाउनशिप बसाने की कार्रवाई शुरू होगी.
कुल एरिया का 10 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण करेगी सरकार
खास बात यह होगी कि टाउनशिप बसाने के लिए सरकार कुल जमीन का करीब 10 प्रतिशत ही अधिग्रहण करेगी. बाकी जमीन निजी होगा, जिसमें सरकार की गाइडलाइन के अनुसार आवासीय व कमर्शियल भवन बनेंगे. सरकार जो जमीन अधिग्रहण करेगी. इसमें चौड़ी सड़कें व ड्रेनेज का जाल बिछाएगी. इसके अलावा पार्क, खुले मैदान सहित नागरिक सुविधाएं विकसित होंगे.
बढ़ेगा एमवीआर, विकसित जमीन नीलाम करेगी सरकार
अधिग्रहण के क्रम में भूमि विकास के लिए प्रस्तावित मुख्य सड़कों के किनारे 50 से 100 मीटर तक की दूरी में पड़ने वाले भू-खंडों का भी आवश्यकतानुसार अर्जन किया जाएगा. आधारभूत संरचनाओं के विकास के बाद स्वत: उस क्षेत्र की भूमि के मूल्य में वृद्धि होगी. इसके आलोक में भूमि के न्यूनतम मूल्य पंजी (एमवीआर) की दर में भी वृद्धि की जाएगी. इसके बाद सरकार अर्जित भूखंडों की नीलामी कर उससे आय प्राप्त करेगी. यही नहीं, एमवीआर में वृद्धि के कारण निबंधन शुल्क में वृद्धि और भवन योजना की लागत पर लगने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट शुल्क से भी सरकार को आमदनी होगी.
जमीन चयन के लिए बन चुकी है समिति
विभागीय स्तर पर ग्रीनफील्ड टाउनशिप के लिए जमीन चुनने के लिए चयन समिति का गठन किया गया है. इसमें विकास आयुक्त को अध्यक्ष और नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव को सदस्य सचिव बनाया गया है. इसके अलावा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, पथ निर्माण विभाग और उद्योग विभाग के प्रधान सचिव को सदस्य नामित किया गया है.
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20 फीट से कम चौड़ी सड़क पर नक्शे की स्वीकृति नहीं
नगर आयुक्त सह मुजफ्फरपुर आयोजना क्षेत्र प्राधिकार के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि अभी आयोजना क्षेत्र में भवन निर्माण के लिए जो भी नक्शे स्वीकृत हो रहे हैं. इसमें न्यूनतम 20 फीट सड़क की चौड़ाई आवश्यक है. मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने सहित अन्य विकास योजनाओं को लेकर सरकार से कोई गाइडलाइन नहीं आया है. इसलिए, नक्शे की स्वीकृति से प्राप्त होने वाली राशि निगम के पास पड़ी हुई है. सरकार से फंड मिलने के बाद जिस तरीके की गाइडलाइन मिलेगी. आगे की कार्रवाई की जायेगी.