GST Council Meeting: 53वीं जीएसटी परिषद् की बैठक में लिये गये फैसले पर मुजफ्फरपुर शहर के व्यवसायियों ने खुशी जतायी है. फैसले में प्लेटफॉर्म टिकट पर जीएसटी नहीं लगाने और व्यवसायियों से पिछले कर में चूक की गड़बड़ी पर पेनाल्टी नहीं लिये जाने के निर्णय को टैक्स प्रोफेशनल सहित व्यवसायियों ने सराहा है. व्यवसायियों का कहना है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में इस तरह के निर्णय की जरूरत थी. इससे व्यापार से जुड़े लोगों की परेशानी कम होगी. यहां कुछ व्यवसायियों के विचार रखे जा रहे हैं.
2020 तक के रिटर्न में चूक पर अब नहीं लगेगी पेनाल्टी
जीएसटी की बैठक में व्यवसायियों को बड़ी राहत दी गयी है. जीएसटी 2017 में लागू हुआ था. उस समय यह नया कानून था. व्यवसायी रिटर्न भरने में चूक कर रहे थे. उस चूक पर विभाग बार-बार पेनाल्टी ले रहा था. जीएसटी काउंसिल की बैठक में वर्ष 2020 तक की पेनाल्टी को समाप्त कर दिया गया है. जो व्यवसायी अगले वर्ष 31 मार्च तक टैक्स का भुगतान करेंगे तो उन्हें जुर्माना नहीं देना पड़ेगा. – सज्जन शर्मा, महामंत्री, चैंबर ऑफ कॉमर्स
नकद बही की राशि पर नहीं लगेगा ब्याज
जीएसटीआर 4 दाखिल करने की समय सीमा 30 जून तक बढ़ाई गयी है. साथ ही थ्री बी दाखिल करते समय नकद बही में उपलब्ध राशि पर ब्याज नहीं लिया जाएगा. बैठक का यह फैसला स्वागतयोग्य है. जीएसटी में लगातार संशोधन किया जा रहा है, लेकिन व्यवसायियों की परेशानी कम नहीं हो रही थी. अब जीएसटी कौंसिल के इस फैसले से व्यवसायियों को राहत मिलेगी. – अंकित हिसारिया, व्यवसायी
जीएसटी आर वन में सुधार के लिये नया फॉर्म शामिल
जीएसटीआर वन में सुधार की अनुमति देने के लिए नए फॉर्म जीएसटीआर वन ए को शामिल किया गया है. थ्रीबी दाखिल करने से पहले इसे दाखिल करने की अनुमति होगी. यह नया संशोधन है. इसके अलावा प्लेटफॉर्म टिकट को जीएसटी दायरा से मुक्त किया जाना और दूध के डिब्बे पर 12 फीसदी टैक्स निर्धारित किया जाने पर सहमति बनी है. कुछ मुद्दों पर अगस्त की बैठक में चर्चा होगी. – आनंद तुलस्यान, व्यवसायी
जीएसटी का सरलीकरण से व्यवसायियों को होगा फायदा
जीएसटी कौंसिल की बैठक में कई निर्णय व्यवसायियों के हित में है. जीएसटी का सरलीकरण बहुत जरूरी है. तभी व्यवसायियों को फायदा मिलेगा और उनकी परेशानी कम होगी. जीएसटी कौंसिल को निरंतर व्यवसायियों की मांग पर विचार करना चाहिये और जीएसटी को आसान प्रक्रिया में लाना चाहिये. इससे सरकार को टैक्स भी मिलेगा और व्यवसायियों की परेशानी भी कम होगी. – शुभम कुमार, व्यवसायी
फर्टिलाइजर पर जीएसटी कम करने का भेजा गया प्रस्ताव
इस समय फर्टिलाइजर पर 5 फीसदी के दर से जीएसटी लगाया जाता है, जबकि सल्फ्यूरिक एसिड और अमोनिया जैसे कच्चे माल पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगाया जाता है. जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद फर्टिलाइजर पर जीएसटी दर कम करने का प्रस्ताव मंत्री समूह को भेज दिया गया है. अगस्त की बैठक में शायद इस पर कोई फैसला लिया जा सके. – प्रदीप वर्मा, अध्यक्ष, टैक्सेशन बार एसोसिएशन