बाल विवाह के दोषी को दो वर्ष की सजा व एक लाख तक हो सकता जुर्माना
guilty of child marriage may be sentenced
मुजफ्फरपुर. एसकेजे लॉ कॉलेज के विधिक जागरुकता इकाई की ओर से मंगलवार को खबड़ा पंचायत में विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया. शिविर का उद्घाटन खबड़ा पंचायत की मुखिया प्रियम प्रिया ने किया. निदेशक जयंत कुमार ने शिविर में उपस्थित सदस्यों एवं ग्रामीणों का स्वागत किया. उन्होंने बाल विवाह एक सामाजिक अपराध विषय के लक्ष्य एवं उद्देश्यों से लोगों को अवगत कराया. विषय प्रवेश करते हुए महाविद्यालय जागरुकता शिविर के संयोजक डाॅ रविरंजन राय ने बताया कि बाल विवाह एक कानूनी अपराध है. बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 की धारा 15 में इसे संज्ञेय तथा गैरजमानतीय अपराध घोषित किया गया है. उन्होंने इसके विभिन्न कानूनी प्रावधानों पर विस्तार से प्रकाश डाला. महाविद्यालय के उप-प्राचार्य प्रो.बीएम आजाद ने कहा कि समाज में पूर्व में प्रचलित तीनों बुराई सती प्रथा, बलि प्रथा तथा बाल विवाह में प्रथम दो बुराई तो समाप्त हो चुकी है, लेकिन बाल विवाह की घटनाएं अब भी देखने को मिल रही हैं. यह समाज के लिए एक अभिशाप है. महाविद्यालय के लीगल सेल सदस्य डॉ एसपी चौधरी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति, जिसे बाल विवाह की जानकारी प्राप्त हो वह उसे तुरन्त बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी को इसकी सूचना दे सकता है. इसके लिए जिम्मेवार व्यक्ति को 2 वर्ष की सजा व एक लाख रुपये का जुर्माना अथवा दोनो से दंडित करने का प्रवधान है. अन्य वक्ताओं में कॉलेज के प्रो.रुपा झा, प्रो.आशुतोष कुमार, प्रेम भूषण ओझा, उज्जवल कुमार, दिव्यम्, मुकुल आनंद थे. धन्यवाद ज्ञापन मुखिया के पति पंकज कुमार ने किया.
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