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बिहार: हिस्ट्रीशीटर अपराधी की अब खैर नहीं, CCTV से हो रही निगरानी, एप पर अपलोड की जा रही तस्वीरें

स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम से मुजफ्फरपुर में लगे 800 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के जरिए अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी

चंदन सिंह , मुजफ्फरपुर. स्मार्ट सिटी के आइट्रिपलसी के कंट्रोल रूम से शहर में लगे 800 से अधिक सीसीटीवी कैमरा से अपराधियों की गतिविधियों की मॉनिटरिंग की जाएगी. कंट्रोल रूम में जिले के अलग- अलग थानों में हीनियस क्राइम में शामिल रहे 292 अपराधियों का चेहरा को फेस एप में अपलोड किया गया है. अगर अपराधी सीसीटीवी कैमरा के रडार में अगर तो यह कंट्रोल पैनल ऑटोमेटिक ब्लिंक करने लगेगा. इसके बाद संबंधित थानेदार को कंट्रोल रूम से सूचित कर दिया जाएगा कि आपके इलाके में यह अपराधी देखा गया है.

फेस कंट्रोल के लिए जिले के विभिन्न थानों में हिनियस क्राइम इसमें लूट, हत्या, डकैती, फिरौती के लिए अपहरण, छिनतई, आर्म्स एक्ट की धाराओं के आरोपी अपराधियों के खिलाफ डोजियर खोला जाता है. इसके साथ अलग से अपराधियों का एलबम तैयार किया जाता है. इस एल्बम में जो भी अपराधियों की तस्वीर होगी उसको फेस कंट्रोल में अपलोड किया जाएगा.

900 से अधिक अपराधियों का चेहरा फेस कंट्रोल सिस्टम में किया जायेगा फीड

हिनियस क्राइम में शामिल 900 से अधिक अपराधियों का डाटा जिला पुलिस के पास है. सभी की तस्वीर को फेस कंट्रोल में अपलोड किया जाना है. एसएसपी राकेश कुमार ने बीते रविवार को स्मार्ट सिटी के आइट्रिपलसी के बिल्डिंग पहुंच कर वहां अपराधियों के फेस कंट्रोल में अपलोड किये जा रहे तस्वीर के बारे में जानकारी जुटाई. अब तक 292 अपराधियों का डाटा फीड किया गया है. आने वाले एक माह के अंदर में सभी 900 अपराधियों का डाटा इसमें फीड कर दिया जाएगा.

पांच बार ब्लिंक करके अपराधियों के बारे में देगी जानकारी, अलर्ट का सायरन बजेगा 

जिस अपराधी का चेहरा कंट्रोल रूप में अपलोड किया गया है. वह जैसे ही सीसीटीवी कैमरा के रडार में आयेगा तो स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम में ऑटोमेटिक ब्लिंक करने लगेगा. सिस्टम अलर्ट का सायरन भी देगा. पांच बार ब्लिंक करेगा. अपराधी जिस- जिस चौराहे से गुजरेगा कैमरा लगातार ब्लिंक करते रहेगा.

नाफिस पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा फिंगरप्रिंट, रेटिना किया जा रहा स्कैन

फेस कंट्रोल के अलावा फिंगरप्रिंट व रेटिना स्कैन करके भी अपराधियों का पुलिस डाटा तैयार कर रही है. पुलिस कार्यालय में इसके लिए नाफिस सेंटर खोला गया है. यहां जिले में गिरफ्तार होने वाले अपराधियों को जेल भेजने से पहले लाया जाता है. उसके दोनों हाथ का फिंगरप्रिंट लिया जाता है. इसके बाद रेटिना हो स्कैन किया जाता है. इसकी मदद से गंभीर मामले का खुलासा करने के साथ- साथ- साथ अपराधियों की गिरफ्तारी में भी सहूलियत मिलेगी.

शहर के 25 से अधिक बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठान का सीसीटीवी कैमरा कंट्रोल रूम से जोड़ा गया

शहर के 25 से अधिक बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठान इसमें ज्वेलरी शॉप, निजी बैंक, फाइनेंस कार्यालय के बाहर लगा सीसीटीवी कैमरा को स्मार्ट सिटी के कमांड एंड कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है. अगर यहां कोई भी अपराधी पहुंचता है तो व्यवसायी को सूचित करने से पूर्व कंट्रोल रूम ही संबंधित थानेदार को बता देगा कि यहां पर अपराधी लूटपाट की नियत से पहुंचे हैं. इसके बाद तुरंत पुलिस एक्शन में आकर कार्रवाई करेगी.

स्मार्ट सिटी के कमांड एंड कंट्रोल रूम में जिले में हिनियस क्राइम में शामिल 900 से अधिक अपराधियों का डाटा फीड किया जाना है. अब तक 292 की तस्वीर अपलोड की गयी है. ये अपराधी जैसे ही सीसीटीवी कैमरा के रडार में आयेंगे तो कंट्रोल रूप में ऑटोमेटिक पांच बार ब्लिंक करेगा. इससे तुरंत संबंधित थानेदार को सूचना मिल जाएगी. क्राइम कंट्रोल व अपराधियों की गिरफ्तारी में यह अहम होगी.

राकेश कुमार, एसएसपी मुजफ्फरपुर

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