भूसरा गांव की बदलेगी रंगत, बज्जिका पेंटिंग से सजेंगे घर-द्वार
गायघाट के भूसरा गांव की रंगत बदलेगी. बज्जिका पेंटिंग से यहां के घर-द्वार सजाये जायेंगे.
उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
गायघाट के भूसरा गांव की रंगत बदलेगी. बज्जिका पेंटिंग से यहां के घर-द्वार सजाये जायेंगे.दिल्ली से 24 नवंबर को कलाकारों की टीम पहुंचेगी. यह गांव के घर की दीवारों व सरकारी भवनों पर पेंटिंग्स करेंगे. इसके जरिये बज्जिकांचल क्षेत्र के रीति-रिवाजों, परंपरा, विवाह और लोक देवता की पूजा पद्धति को दर्शाया जायेगा. घरों की दीवारों पर बज्जिका पेंटिंग फॉर्म को उकेरने में गांव की महिलाओं की भी सहभागिता रहेगी. टीम का नेतृत्व बज्जिकांचल पेंटिंग के लिए ऑल इंडिया फाइन आर्ट्स एंड क्राॅफ्टस सोसाइटी से सम्मानित कंचन प्रकाश कर रही हैं. ये पिछले 27 वर्षों से दिल्ली में रह कर बज्जिका पेटिंग को समृद्ध कर रही हैं. बज्जिकांचल क्षेत्र के लोगों का रोजमर्रा का जीवन व और देवी-देवताओं की कहानियां इनकी पेंटिंग में दिखती हैं. इनकी 13 पेंटिंग बेल्जियम के म्यूजियम व सेक्रेड आर्ट गैलरी में लग चुकी है.
सुजनी कला के लिए भूसरा गांव का चयन
कंचन ने बताया कि भूसरा गांव सुजनी कला के लिए बिहार में प्रसिद्ध है. यहां की कई महिलाएं इस कला के माध्यम से अपना जीवन-यापन कर रही हैं. इस कला को जीआइ टैग भी मिल चुका है. कला के क्षेत्र में यह गांव दूसरे गांवों से बेहतर है. यही कारण है कि हमलोगों ने इस गांव का चयन किया है. यहां के लोगों ने बज्जिका पेंटिंग के लिए स्वीकृति दी है और इसमें उनकी सहभागिता भी रहेगी. यह गांव बिहार का पहला गांव होगा, जो पूरी तरह बज्जिका पेंटिंग से सजा रहेगा. इससे बज्जिका फॉर्म की पेंटिंग को एक विस्तार मिलेगा और नये चित्रकारों को सीखने का भी मौका मिलेगा. इसके लिए हमलाेग पिछले साल से ही प्लानिंग कर रहे थे. इस गांव के बाद हमलोग दूसरे गांव का भी चयन करेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है