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मुजफ्फरपुर में राखी की तैयारी जोरों पर, थाली सेट और लुंबा राखियों की भारी मांग, 4 करोड़ का होगा कारोबार

रक्षाबंधन को लेकर मुजफ्फरपुर में थोक से लेकर खुदरा बाजार तक में राखियों की जमकर खरीदारी हो रही है. मुजफ्फरपुर उत्तर बिहार का मुख्य केंद्र है, इस बार यहां करीब चार करोड़ की राखियां बिकने का अनुमान है

Rakshabandhan: भाई-बहनों के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन के लिए राखियों का बाजार सज चुका है. गरीबनाथ मंदिर रोड स्थित होलसेल बाजार से इसकी जमकर बिक्री हो रही है. उत्तर बिहार के खरीदार शहर की राखी मंडी से जमकर खरीदारी कर रहे हैं. इस बार कई नये डिजायन की राखियां लोगों को लुभा रही है. यहां के दुकानदारों ने दिल्ली, कोलकाता और मुंबई से राखियां मंगवायी है.

कोलकाता से जड़ी वाली राखी, दिल्ली से डोरी वाली और मुंबई से स्टोन वर्क की हुई राखियों का स्टॉक किया गया है. दुकानदारों की मानें तो शहर के बाजार से करीब चार करोड़ के राखियों का कारोबार होगा. राखी के बाजार में जिले के अलावा पूर्वी चंपारण, पं.चंपारण, सीतामढ़ी और शिवहर के दुकानदारों की भीड़ लगी है. इसके अलावा लोकल स्तर पर खरीदारी हो रही है. यहां पेश है राखी के बाजार पर रिपोर्ट

भैया-भाभी के लिए खूब बिक रहा सेट

बाजार मे भैया-भाभी के लिए राखियों के सेट की खूब डिमांड है. बहनें अपने भाइयों के लिए तो राखी खरीद ही रही हैं, भाभी के लिए भी राखियों की खरीदारी कर रही हैं. भैया-भाभी राखी सेट बहनों को खूब लुभा रहा है. बाजार में इसकी कीमत 20 से लेकर 200 रुपए तक है. इसमें भैया और भाभियों की राखी का डिजायन अलग-अलग बनाया गया है. दुकानदारों का कहना है कि पिछले तीन-चार सालों से भैया-भाभी राखी सेट का प्रचलन बढ़ा है़. हर साल इसकी डिमांड बढ़ रही है. पहले मारवाड़ी समाज में इसकी मांग थी, लेकिन अब अन्य लोग भी इसकी खरीदारी कर रहे हैं.

महिलाएं खरीद रहीं लूंबा राखी

राखी के बदलते ट्रेंड में अब महिलाएं खुद के लिए भी राखी खरीद रही हैं. इसका नाम लूंबा राखी है. महिलाएं इसे चूरी में लगाती है. इन दिनों बाजार में इस राखी की डिमांड भी काफी है. ग्रामीण क्षेत्रों के दुकानदार भी इस राखी की खरीदारी कर रहे हैं. इसकी कीमत पांच से 50 रुपए है. दुकानदार तौसीफ ने बताया कि लूंबा राखी का ट्रेंड भी हाल के वर्षों में बढ़ा है. महिलाएं भाइयों के अलावा अपने लिए भी राखी की खरीदारी कर रही हैं.

महिलाओं को लुभा रहा थाली सेट राखी

बाजार में थाली सेट राखी भी उपलब्ध है. महिलाओं को राखी के लिए अलग से रोड़ी-चंदन की खरीदारी नहीं करनी पड़ रही है. थाली सेट में राखियों के अलावा रक्षाबंधन की अन्य सामग्री भी उपलब्ध है. बाजार में इसकी कीमत 30 से 150 रुपए तक है. जिन बहनों दो या तीन भाई हैं, वे एक थाली सेट खरीद रही हैं और दो राखियां अलग से ले रही हैं.

छोटा भीम और डोरेमन का अब भी क्रेज

बच्चों में अब भी डोरेमन, छोटा भीम और मोटू पतलू का क्रेज बरकरार है. बाजार में बच्चों के लिए कार्टून डिजायन वाले राखियों की अच्छी डिमांड है. यह तीन से तीस रुपए पीस तक उपलब्ध है. बच्चे ऐसी राखियों को खूब पसंद कर रहे हैं. छोटी बहनें अपने छोटे भाइयों के लिए उनकी पसंद के अनुसार राखी खरीद रही हैं. बाजार में इन दिनों एसी राखियों की डिमांड अधिक है.

रेशम और स्टोन वर्क की राखियों का क्रेज

महिलाएं भाइयों के लिए रेशम, स्टोन वर्क, पैंडल, मेटल और चंदन की राखियां खरीद रही हैं. इस तरह की राखी 10 से 120 रुपए तक बाजार में उपलब्ध है. रेशम की डोरी में हाथ से किए गए नक्काशी के कारण महिलाओं को इस तरह की राखियां पसंद आ रही है. बाहर रहने वाले भाइयों के लिए बहनें रेशम की डोरी और वर्क किए हुए राखियों की खरीदारी कर रही हैं. यह राखी हल्की होने के कारण इसे बाहर भेजने में सुविधा होती है.

मधुबनी पेटिंग वाली राखियों की भी डिमांड

शहर मे मधुबनी पेंटिंग वाली राखियों की भी डिमांड है. दरभंगा मेर्ग्क महिलाएं हैंडमेड राखी बनाती है और पूरे सूबे में उसका कारोबार होता है. यहां आवरण की इप्सा पाठक इन राखियों की सप्लाईै करती हैं. इप्सा बताती हैं कि ये राखियां कार्ड बोर्ड, रेशम के धागे और स्टोन वर्क से बनायी जाती है. इस पर मधुबनी पेटिंग किया जाता है.

राखियों की डिमांड अच्छी है. उत्तर बिहार के खुदरा विक्रेता राखियों की खरीदारी करने पहुंच रहे हैँ. यही एक ऐसा त्योहार है, जिसका बाजार हर साल बढ़ता है. इस बार विभिन्न डिजायन की राखियों को मंगवाया गया है. रेशम डोरी के अलावा विभिन्न फैशनेबल राखियों की अच्छी बिक्री हो रही है

– इरशाद अहमद, होलसेल विक्रेता

पिछले दो-चार दिनों में राखियों की बिक्री बढ़ी है. जिले के अलावा उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों के लोग यहां राखियों की खरीदारी करने पहुंच रहे हैं. सभी वेराइटी की राखियों की डिमांड है. होलसेल के अलावा खुदरा बिक्री भी हो रही है. थाली सेट, स्टोन और मेटल वर्क की राखियां अधिक बिक रही है

– उमेश कुमार, राखी विक्रेता

20 हजार में सोने की और 600 में चांदी की राखी

रक्षाबंधन को लेकर सर्राफा बाजार ने भी तैयारी की है. यहां कई प्रतिष्ठानों में सोने और चांदी की राखियों का डिस्प्ले किया गया है. कई बहनें अपने भाइयों की कलाई पर सोने-चांदी की राखियां बांधती है. इन दिनों बाजार में तीन ग्राम वजन वाले सोने की राखियां 20 हजार और तीन ग्राम चांदी की राखियां 600 में उपलब्ध है. प्रतिष्ठानों से इस तरह की राखियों की बिक्री शुरू हो गयी है.

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सर्राफा बाजार की मानें तो सोने-चांदी की राखियों का कारोबार करीब दो करोड़ का होता है. ये राखियां यहीं के कारीगरों द्वारा तैयार की जाती है. सोने-चांदी की दुकानों में कुछ राखियां बना कर रखी गयी हैं. दुकानदारों का कहना है कि डिमांड और वजन के अनुसार विभिन्न डिजायन की राखियां तैयार की जाती है. करीब दो दशक से इस तरह की राखियां प्रचलन में है. लोग अपने सामर्थ्य के अनुसार राखियों की खरीदारी करते हैं. सोने-चांदी की कीमत अधिक होने के बावजूद राखियों की डिमांड है. लोग अपने पसंद की डिज़ाइनों की राखी का ऑर्डर दे रहे हैं.

सोने-चांदी की राखियां प्रचलन में है. यह राखी के साथ एक उपहार भी है, जो बहनें अपने भाइयों को देती हैं. इसके अलावा बहनों को नेग देने के लिए भी भाई अंगूठी, टॉप्स, इयर रिंग और पायल की खरीदारी करते हैं. इस बार भी रक्षाबंधन का बाजार बेहतर होने की उम्मीद है

– संजय कुमार, महामंत्री, थोक सर्राफा संघ

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