ट्रेनों से मानव तस्करी, दो धराये ; एक माह में दूसरा केस
ट्रेनों से मानव तस्करी, दो धराये ; एक माह में दूसरा केस
=प. बंगाल के दानकुनी जंक्शन से दो तस्कर पकड़े
=मुजफ्फरपुर-बेंगलुरु एक्सप्रेस से कर रहे थे सफर=आरपीएफ की टीम ने बिहार के 5 बच्चों को बचायामुजफ्फरपुर.
मुजफ्फरपुर से खुलने वाली ट्रेनों के जरिये मानव तस्करी का खेल चल रहा है. सोमवार को मुजफ्फरपुर-बेंगलुरु एक्सप्रेस (15228) रात के दस बजे पश्चिम बंगाल के दानकुनी जंक्शन पर पहुंची. इनपुट के आधार पर आरपीएफ की टीम ने मानव तस्करों के चंगुल से पांच नाबालिग बच्चों को मुक्त कराया. इसमें दो मानव तस्करों को टीम ने गिरफ्तार भी किया है. आरपीएफ के अनुसार सभी बच्चे बिहार के हैं. सभी को बाल श्रम के लिए बहला-फुसला कर बेंगलुरु ले जा रहे थे. जानकारी दी गयी कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) व सहयोगी, एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन के साथ समन्वय में इस बचाव अभियान को अंजाम दिया गया. मानव तस्करों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गयी है. वहीं सभी बच्चों को पुनर्वास प्रक्रिया के लिए सीडब्लूसी के समक्ष पेश किया गया है.बता दें कि बीते एक महीने में मुजफ्फरपुर-बेंगलुरु एक्सप्रेस से दूसरी बार बच्चों को मुक्त करवाकर मानव तस्करों काे पकड़ा गया है.ट्रेन में छूट गया था बैग, यात्री को सौंपा
मुजफ्फरपुर.
सप्तक्रांति एक्सप्रेस (12558) में 23 नवंबर को सफर के दौरान यात्री का बैग छूट गया. इसे सामान्य कोच में आरपीएफ की टीम ने निगरानी के दौरान पाया. बैग में वोटर आइडी, पैन कार्ड, अन्य कागजात, कपड़े व टच स्क्रीन मोबाइल रखा हुआ था.आइडी के आधार पर तरियानी शिवहर के रहने वाले रामप्रवेश मंडल को आरपीएफ की ओर से सूचना दी गयी. वहीं मंगलवार को संबंधित को सत्यापन के बाद बैग सौंप दिया गया. उन्होंने ने बताया कि बेतिया में पानी लेने के लिए गाड़ी से उतरे थे. तभी गाड़ी खुल गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है