तृतीय वर्ष की परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर भी फाइनल परिणाम से वंचित होंगे सैंकड़ों स्टूडेंट्स
तृतीय वर्ष की परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर भी फाइनल परिणाम से वंचित होंगे सैंकड़ों स्टूडेंट्स
:: प्रथम वर्ष की परीक्षा का परिणाम नहीं आने के कारण ऐसे छात्र-छात्राओं का भविष्य अधर में :: प्राचार्यों की ओर से पत्र भेजे जाने पर परीक्षा बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा प्रस्ताव वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में पढ़ाई करने वाले सैंकड़ों छात्र-छात्राओं को स्नातक तृतीय वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद भी डिग्री नहीं मिलेगी. इसका कारण यह है कि उनके प्रथम वर्ष का परिणाम अटका हुआ है. वे प्रथम वर्ष में प्रमोटेड हो गये थे. साथ ही अगले वर्ष किसी कारण परीक्षा में शामिल नहीं हुए या दोबारा प्रमोटेड हो गये थे. उन विद्यार्थियों को नियमत: और मौका नहीं मिलेगा. कॉलेजों की ओर से इन विद्यार्थियों को तृतीय वर्ष की परीक्षा का फॉर्म भरवा दिया गया. वे परीक्षा में उत्तीर्ण भी हो गये. ऐसे में उन्होंंने विश्वविद्यालय में पहुंचकर प्रथम वर्ष की विशेष परीक्षा में शामिल होने की गुहार लगायी है. परीक्षा विभाग की ओर से बताया गया कि उन्हें नियमत: और मौका नहीं दिया जा सकता. चूकि, वार्षिक सिस्टम में आखिरी बार यह विशेष परीक्षा ली जाएगी. ऐसे में यदि कॉलेजों के प्राचार्य अनुरोध पत्र भेजें तो परीक्षा बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव को शामिल किया जा सकता है. बोर्ड के निर्णय के बाद यह तय होगा कि इन विद्यार्थियों को मौका मिलेगा या नहीं. विश्वविद्यालय की ओर से कहा गया है कि विशेष परीक्षा में सिर्फ 2021 और 2022 सत्र के स्टूडेंंट्स ही शामिल हो सकते हैं. ऐसे में 2020 सत्र के सैंकड़ों स्टूडेंट्स को निराशा हाथ लगी है. उनका चार वर्ष पहले ही बीत चुका है. ऐसे में उन्हें फिर से प्रथम वर्ष में नामांकन लेना होगा. बता दें कि 2023 सत्र से विश्वविद्यालय में स्नातक में सेमेस्टर सिस्टम लागू हो चुका है. ऐसे में पूर्व के विद्यार्थियों के लिए यह विशेष परीक्षा आयोजित की जाएगी.
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