वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर जिले के सरकारी अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन के बाद प्रसव कराने के लिए महिलाएं नहीं पहुंच रही हैं. इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों से प्रसव का आंकड़ा देने को कहा है. स्वास्थ्य विभाग ने प्रसव के आंकड़े को बढ़ाने के लिए प्राइवेट अस्पतालों को प्रसव की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है. अगर कोई नर्सिंग होम ऐसा नहीं करेंगे तो उनका अनुबंध रद्द कर दिया जायेगा. सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार ने इसके लिए निजी अस्पतालों को निर्देशित किया है. चार शहरी व 16 पीएचसी के प्रभारियों को कहा गया है कि वह अपने-अपने क्षेत्र के निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम को सूचित कर दें. रिपोर्ट नहीं करने वाले अस्पतालों की सूची भी देनी है. इसके बाद उनपर प्राइवेट अस्पताल रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत कार्रवाई होगी. पटना में बैठक कर यह जानकारी दी गयी थी कि प्रसव पूर्व देखभाल में रजिस्ट्रेशन एक लाख से अधिक गर्भवतियों का होता है. इसमें 55 से 60 फीसदी ही सरकारी अस्पताल में प्रसव के लिए पहुंचती हैं. सरकार ने निजी अस्पतालों को प्रसव की संख्या देने को कहा है. इससे परिवार नियोजन, मातृ शिशु हेल्थ की योजनाओं को सही से लागू किया जा सकेगा.
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