मौसम का मिजाज बदला तो एइएस का केस भी नहीं

मौसम का मिजाज बदला तो एइएस का केस भी नहीं

By Prabhat Khabar News Desk | July 10, 2024 9:39 PM

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

जिले में पिछले एक सप्ताह से मौसम का मिजाज बदल गया है. ऐसे में एइएस व चमकी बुखार से बच्चे भी पीड़ित नहीं हो रहे हैं. आलम यह है कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल एइएस का मामला 25 भी नहीं पार कर सका है. जनवरी से जुलाई तक जिले में 23 बच्चे ही एइएस से पीड़ित होकर पहुंचे हैं. हालांकि इस दौरान एक भी बच्चे की मौत नहीं हुई है. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ गोपाल शंकर सहनी की मानें तो बारिश शुरू होने के बाद से एइएस व चमकी बुखार से बच्चे पीड़ित नहीं होते हैं. अब अनुमान है कि बच्चे पीकू में चमकी और एइएस से पीड़ित होकर नहीं आयेंगे. नोडल अधिकारी डॉ सतीश कुमार ने कहा कि मार्च से ही जिले के प्रखंड पंचायत स्तर पर जागरूकता और बचाव के लिये प्रचार प्रसार किये जा रहे थे. ऐसे में लोग भी जागरूक हुए हैं. इसका नतीजा सामने आ रहा है. पिछले साल जहां 58 बच्चे पीड़ित हुए थे. वहीं इस साल उसके आधे भी बच्चे पीड़ित नहीं हुए हैं.

एइएस से अधिक मौसमी बीमारी से पीड़ित हो रहे बच्चे

तापमान में लगातार हो रहे बदलाव के कारण मौसमी बीमारियां अपने पैर पसारने लगी है. इस मौसम में सबसे अधिक खांसी व जुकाम हो रहा है. खांसी व जुकाम होने के कारण लोगों को सदर अस्पताल सहित अन्य सरकारी व निजी अस्पतालों में तकरीबन 60 फीसदी मरीज सर्दी खांसी व जुकाम के पहुंच रहे हैं. चिकित्सकों का कहना है कि आने वाले मरीजों में बुखार के कोई लक्षण नहीं हैं. मौसम में हो रहे परिवर्तन में लापरवाही बरतने से मौसमी बीमारियां पनप रही हैं. इनमें सबसे अधिक खांसी व जुकाम के मरीज हैं. शिशु रोग विशेषज्ञ ने बताया कि बचाव नहीं कर पाने से बच्चों में खांसी, जुकाम, निमोनिया व अस्थमा जैसी बीमारियां हो रहीं है. जिले में एइएस ने भी दस्तक दे दी है. सदर अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में एइएस के संदिग्ध मरीज भी पहुंच रहे हैं.

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