मुजफ्फरपुर में फल-फूल रहा है प्रतिबंधित पॉलीथिन और थर्माकोल का अवैध कारोबार, प्रशासन नहीं कर रहा कार्रवाई

मुजफ्फरपुर में प्रतिबंधित पॉलीथिन बैग और थर्मोकोल के इस्तेमाल पर सख्ती नहीं होने से शहर की सेहत बिगड़ रही है. एक साल से नगर निगम और जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है. ढिलाई के कारण अवैध कारोबार बढ़ता जा रहा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की चेतावनी का भी कोई असर नहीं है

By Anand Shekhar | July 25, 2024 6:50 AM

Muzaffarpur News: पर्यावरण संरक्षण और मिट्टी का प्रदूषण रोकने के लिए सरकार पॉलिथीन की थैलियों के साथ थर्माेकोल एवं प्लास्टिक के सिंगल यूज उत्पादों को प्रतिबंधित किये हुए हैं. लोगों को जागरूक करने से लेकर कारोबारियों को डराने के लिए कई बार जागरूकता अभियान भी चलाया गया. लेकिन, मुजफ्फरपुर जिले में इसका कोई असर नहीं दिख रहा है. शहर हो या ग्रामीण इलाके. हर जगह धड़ल्ले से पॉलिथीन की थैलियों व थर्मोकोल से बने थाली, प्लेट व अन्य सामग्री का उपयोग हो रहा है. इसका नतीजा है कि ग्रामीण क्षेत्रों की खेती प्रभावित हो रही है.

कार्रवाई के लिए गठित है कमिटी

प्लास्टिक की वजह से शहर में नाला व आउटलेट के जाम होने के साथ प्लास्टिक कचरा के जलाने सहित अन्य कारणों से वायु प्रदूषण का स्तर काफी तेजी से बढ़ते जा रहा है. यह स्थिति तब है, जब जिला प्रशासन व नगर निगम के स्तर पर कार्रवाई के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की कमेटी गठित की जा चुकी है. लेकिन, बीते एक साल से जिले में शहर से लेकर गांव तक में कहीं कोई प्रशासनिक अधिकारियों की टीम कार्रवाई करते नजर नहीं आयी है. इससे इस धंधे में जुड़े कारोबारियों का मनोबल बढ़ता जा रहा है और बड़ी तेजी से अवैध धंधा फल-फूल रहा है.

वर्ष 2018 से सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगी है रोक

वर्ष 2018 से ही शहरी क्षेत्रों में पूर्व से प्रतिबंधित पॉलीथिन व सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक है. लेकिन, सख्ती सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गया है. शहर में जहां, पॉलीथिन का उपयोग आम है. वहीं, थर्मोकाेल व प्लास्टिक के थाली व गिलास भी पर्यावरण व स्वच्छता के दुश्मन बने हैं. शादी समारोह हो या फिर भोज भंडारा, हर जगह थर्माकाल व प्लास्टिक के बर्तन धड़ल्ले से उपयोग किए जा रहे हैं. थर्मोकाल के सिंगल यूज बर्तनों का सही निपटारा नहीं होने के कारण पर्यावरण के लिए यह बड़ी समस्या बनती जा रही है.

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कचरे में सबसे ज्यादा रहता है प्लास्टिक व थर्मोकोल कचरा

शहरी क्षेत्र के चौक-चौराहें से जो कचरा रोजाना निकलता है. इसमें सबसे ज्यादा प्लास्टिक व थर्मोकोल से संबंधित कचरा रहता है. यही नहीं, अभी बरसात की तैयारी के मद्देनजर जहां-जहां शहर में नाले व आउटलेट की सफाई हुई है. हर जगह से बड़ी मात्रा में प्लास्टिक व थर्मोकोल कचरा निकला है. लेकिन, सब कुछ देखते हुए भी नगर निगम के जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी अनजान बने हुए हैं.

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