नमाज में लोगों ने मांगी मुल्क की तरक्की व अमन-चैन की दुआ

नमाज में लोगों ने मांगी मुल्क की तरक्की व अमन-चैन की दुआ

By Prabhat Khabar News Desk | June 18, 2024 12:21 AM

मुजफ्फरपुर. कुर्बानी का त्योहार ईद-उल-अजहा सोमवार को शहर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. लोगों ने सुबह ईदगाहों और मस्जिदों में जाकर नमाज पढ़ी. यहां लोगों ने मुल्क की तरक्की और अमन चैन की दुआ मांगी. नमाज के बाद लोगों ने एक-दूसरे से मिलकर ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद दी. त्योहार को लेकर सुबह से ही घरों में रौनक थी. अहले सुबह उठ कर लोग नमाज के लिए तैयार हुये. नये कपड़े पहन कर ईदगाह गये. यहां नमाज कर दुआ मांगी. नमाज के लिए सबसे अधिक भीड़ बड़ी ईदगाह, कंपनीबाग स्थित जामा मस्जिद और कमरा मुहल्ला स्थित शिया जामा मस्जिद में रही. त्योहार की मुबारकबाद देने पूर्व सांसद अजय निषाद भी पहुंचे. नमाज के बाद बकरे की कुर्बानी दी गयी. लोगों ने कुर्बानी का एक हिस्सा जरूरतमंदों के बीच बांटा. सुबह के बाद मेहमाननवाजी का दौर शुरू हुआ. लोगों ने एक-दूसरे के घर जाकर लजीज व्यंजनों का लुत्फ उठाया. शाम में बच्चे ईदी पाकर घूमने निकले. विभिन्न मॉल से लेकर सिनेप्लेक्स में अच्छी भीड़ रही. जुब्बा सहनी पार्क, सिटी पार्क और इंदिरा पार्क में भी और दिनों की अपेक्षा लोगों की भीड़ अधिक थी. क्लब रोड में लगे चाट-गोलगप्पे की दुकान पर भी लोगों की भीड़ लगी थी. वार्ड के लोगों के साथ मनाया त्योहार वार्ड के लोगों के साथ त्योहार मनाया. सुबह कुर्बानी का एक हिस्सा जरूरतमंद लोगों के बीच बांटा. सभी को ईद-उल-अजहा की मुबारक बाद दी. यह त्योहार एक दूसरे के बीच खुशियां बांटने का है. हमलोगों ने विभिन्न समुदाय के साथ मिल कर त्योहार मनाया है. आने वाले समय में भी ऐसे ही त्योहार मनाते रहेंगे. – इकबाल हुसैन, वार्ड पार्षद, 40 समाज के सभी लोगों की अच्छाई की कामना कुर्बानी का त्योहार सभी ने खुशियों से मनाया. हमलोगों ने समाज के सभी लोगों की मुबारक बाद ली और उनकी बेहतरी की दुआयें मांगी. यह त्योहार हम सभी को एक साथ रह कर खुशियां मनाने का संदेश देता है. हमलोगों को हर त्योहार ऐसे ही मिल-जुल कर मनाना चाहिये और समाज के सभी लोगों की अच्छाई की कामना करनी चाहिये – सैयद इतरत नदीम, इमाम, शिया मस्जिद, कमरा मुहल्ला लोगों को भाईचारा के साथ रहने की सीख यह पर्व मुख्य रूप से हजरत इब्राहिम द्वारा अपने बेटे हजरत इस्माइल की कुर्बानी देने की इच्छा की याद में मनाया जाता है, इस त्योहार का मतलब यह भी है कि सिर्फ बकरे की कुर्बानी न की जाये. उसके साथ अपने घमंड की भी कुर्बानी की जाये. हमलोगों ने इसी उद्देश्य से यह त्योहार मनाया है और लोगों को भाईचारा बनाये रखने की सीख दी है. – मौलाना अली अब्बास छपरवी

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