खाद बिक्रेता ने नाबालिग बच्चों को किसान बता बेच दी 1215 बोरी सरकारी यूरिया
अमिताभ कुमार, सीतामढ़ी : यूरिया की बिक्री में फर्जीवाड़ा के मामले में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. नाबालिग बच्चों के आधार कार्ड के आधार पर भी यूरिया की बिक्री की गयी है. जिले के चौरोत प्रखंड के एक उर्वरक विक्रेता के दस्तावेजों की जांच में यह खुलासा हुआ है. कृषि विभाग के अधिकारी इसे कालाबाजारी का मामला मान रहे हैं.
अमिताभ कुमार, सीतामढ़ी : यूरिया की बिक्री में फर्जीवाड़ा के मामले में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. नाबालिग बच्चों के आधार कार्ड के आधार पर भी यूरिया की बिक्री की गयी है. जिले के चौरोत प्रखंड के एक उर्वरक विक्रेता के दस्तावेजों की जांच में यह खुलासा हुआ है. कृषि विभाग के अधिकारी इसे कालाबाजारी का मामला मान रहे हैं.
चोरौत प्रखंड के यदुपट्टी बाजार के मेसर्स चौधरी ट्रेडर्स (खाद विक्रेता) के प्रोपराइटर ने अपने दो नाबालिग पुत्रों व एक पुत्री को किसान बना दिया. उन्होंने 1215 बोरा खाद की बिक्री अपने तीन नाबालिग बच्चों के आधार कार्ड पर की. मामला प्रकाश में आने के बाद प्रशासन ने विक्रेता का लाइसेंस निलंबित कर दिया और खाद की बिक्री पर रोक लगा दी है. खाद विक्रेता दिनेश चौधरी ने अपने 11 वर्षीय पुत्र के नाम पर 670 बोरा खाद की बिक्री दिखायी है.
इसी प्रकार 12 वर्षीय एक पुत्र के नाम पर 285 व 14 वर्षीय पुत्री के नाम पर 260 बोरा खाद की बिक्री की है. ऑफ सीजन में यूरिया की भारी बिक्री का मामला उजागर होने के बाद राज्यभर में जिले के 20 वैसे किसानों की जांच हो रही है, जिन्होंने सबसे ज्यादा यूरिया की खरीदारी की है. साथ ही उवर्रक विक्रेताओं के दस्तावेजों की भी जांच हो रही है. सीतामढ़ी जिले में अब तक सात दुकानों के लाइसेंस निलंबित किये गये हैं.
इस संबंध में जब जिला कृषि कार्यालय ने विक्रेता दिनेश चौधरी से स्पष्टीकरण पूछा, तो उन्होंने कहा कि यह सही है कि एक ही आधार कार्ड पर आपूर्ति की गयी, लेकिन एक ही किसान को आपूर्ति नहीं की गयी है. अलग-अलग किसानों को आपूर्ति की गयी है. विक्रेता ने कहा कि कोविड महामारी की वजह से कई किसानों ने मिल कर अपनी सुविधा के अनुरूप एक ही व्यक्ति को अपनी ओर से उर्वरक प्राप्त करने का जिम्मा सौंपा था.
तब तीनों व्यक्तियों ने एकमुश्त उर्वरक का उठाव कर किसानों में वितरित कर दिया. जब तीनों व्यक्तियों ने एकमुश्त कई किसानों के लिए उर्वरक उठाव की बात की, तो पहले विरोध किया, लेकिन बाद में लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए दे दिया.
posted by ashish jha