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यूरिन रोकने वाले बच्चों में हो रहा इंफेक्शन

बच्चे यूटीआइ इंफेक्शन के शिकार हो रहे हैं. उन्हें बुखार व कमजोरी सहित कई तरह की समस्यायें झेलनी पड़ रही हैं.

उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुरबड़ों की अपेक्षा बच्चे यूटीआइ इंफेक्शन के अधिकार शिकार हो रहे हैं. इनमें स्कूल जाने वाले बच्चों की संख्या अधिक है. यूरिन इंफेक्शन के कारण उन्हें बुखार व कमजोरी सहित कई तरह की समस्यायें झेलनी पड़ रही हैं. इंफेक्शन होने का प्रमुख कारण लंबे समय तक यूरिन रोक कर रखना है. इसका खुलासा विभिन्न स्कूलों व मुहल्ले स्तर पर लगे मेडिकल कैंप से हुआ है. इंफेक्शन से पीड़ित होने वाले बच्चों ने यूरिन रोकने की बात स्वीकार की है. लंबे समय तक यूरिन रोकने वाले बच्चों में करीब 40 फीसदी बच्चे इंफेक्शन का शिकार हो रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि स्कूल जाने वाले बच्चे काफी देर तक वॉशरूम नहीं जाते. यूरिन रोकने से इंफेक्शन का खतरा अधिक रहता है.बच्चों के यूरिन की जब कल्चर जांच करायी जाती है तो पता चलता है कि उसे इंफेक्शन है. मुहल्ला कैंप में बच्चों की सेहत जांचने वाले डॉ नवीन कुमार कहते हैं कि बच्चों की जांच में यूरिनरी इफेक्शन का मामला सामने आ रहा है.

ये है बीमारी के लक्षण

– यूरिन करते समय दर्द होना- कम अंतराल में पेशाब बार-बार आना- यूरिन करने में तकलीफ होना- यूरिन की गति धीमी होना- पेट के मध्य में निचले हिस्से में दर्द होना- तेज बदबू के साथ धुंधला यूरिन आना

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

यूरिन रोकने के कारण बच्चों के यूरिन स्टैगेंसी होता है, इससे इंफेक्शन होने का खतरा अधिक हो जाता है. बच्चे एक तो यूरिन रोकते हैं और दूसरे अपने हाथों से यूरिन के रास्तों को छूते रहते हैं. इससे संक्रमण का खतरा बना रहता है. बच्चों को यूरिन या टॉयलेट महसूस होने पर तुरंत करना चाहिए. अभिभावक का दायित्व है कि बच्चों में यह आदत विकसित करें

– डॉ राजीव कुमार, विभागाध्यक्ष, शिशु विभाग, केजरीवाल अस्पताल

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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