मुजफ्फरपुर. स्वास्थ्य विभाग के डिजिटल मिशन काे घर-घर तक पहुंचाने के लिए शुक्रवार काे मुख्यालय से आयी टीम ने माेतीपुर पीएचसी में 80 आशा व पांच फैसिलेटर काे इसके उपयाेग करने के तरीके बताये. जिले में चार जून तक एम आशा एप का प्रयोग पूरे जिले में किया जाना है. शुक्रवार काे पटना से आयी टीम ने माेतीपुर में एम आशा एप के इस्तेमाल के बारे में बताया. बताया कि आशा अब मोबाइल में एम आशा एप के माध्यम से लाेगाें काे हाेने वाली बीमारियाें सहित अन्य असुविधाओं काे पाेर्टल पर अपलाेड कर देंगी. पायलट प्राेजेक्ट के रूम में सकरा काे चयनित किया गया था. यहां मिली सफलता के बाद अब पूरे जिले में 4 जून तक इसे लागू कर दिया जायेगा. गांव में हाेने वाले जन्म-मृत्यु, प्रसव, फाइलेरिया, मलेरिया, एइएस, बुखार, डायरिया सहित सभी प्रकार की बीमारियाें व अन्य गतिविधियाें काे इस डिजिटल एप से जाेडा जा रहा है. इसके साथ ही गांव की ये सभी गतिविधियां पटना से दिल्ली तक ऑनलाइन हाे जायेगी. इस एप के माध्यम से आशा पाेर्टल पर ब्योरा अपलाेड करेंगी. बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में सबसे पहले इसके लिए पायलट प्राेजेक्ट के तहत मुजफ्फरपुर का चयन किया है. इसके तहत सर्वप्रथम सकरा पीएचसी में इसकी शुरुआत की गयी थी. सफलता के बाद जिले के सभी पीएचसी में इसे लागू करने के लिए पिछले साल 30 अक्टूबर से 3 नवंबर तक सदर अस्पताल, बाेचहां व सकरा पीएचसी में एम आशा एप की ट्रेनिंग दी गयी थी.
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