अधिकार रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा देती है बौद्धिक संपदा
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग में मंगलवार काे "बौद्धिक संपदा अधिकार : नेविगेटिंग पेटेंट्स, पब्लिकेशन एंड प्रोजेक्ट फंडिंग " विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया.
मुजफ्फरपुर. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग में मंगलवार काे “बौद्धिक संपदा अधिकार : नेविगेटिंग पेटेंट्स, पब्लिकेशन एंड प्रोजेक्ट फंडिंग ” विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया. आइआइटी रोपड़ के छात्र रहे फुलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी के सीईओ रौशन कुमार सिंह ने कहा कि पेटेंट एक प्रकार की बौद्धिक संपदा है जो इसके मालिक को आविष्कार के सक्षम प्रकटीकरण को प्रकाशित करने के बदले में सीमित अवधि के लिए दूसरों को आविष्कार बनाने, उपयोग करने या बेचने से बाहर रखने का कानूनी अधिकार देता है. बौद्धिक संपदा अधिकार रचनाकारों और आविष्कारकों को उनकी रचनाओं के लिए कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है. बौद्धिक संपदा अधिकारों का मकसद रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा देना होता है. बौद्धिक संपदा से वैश्विक सहयोग को बढ़ावा मिलता है और सीमाओं के पार व्यापार करने में आसानी होती है. इसके साथ ही नए उद्योगों और रोजगार के अवसर पैदा होते हैं. विभागाध्यक्ष डॉ रंजना कुमारी ने अतिथियों का स्वागत किया. कहा कि इस सेमिनार के माध्यम से बौद्धिक संपदा के विभिन्न आयामों को समझने का अवसर मिला है. मंच संचालन प्रो.नीलम कुमारी व विषय प्रवेश डॉ गौरव पांडेय ने कराया. मौके पर प्रो.पूनम, प्रो.कादंबिनी, डॉ रितिका, डॉ नीति किरण, सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.
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