मुजफ्फरपुर. बालूघाट निवासी रिटायर्ड शिक्षक श्याम मोहन मिश्रा के खाते से 35 लाख 45 हजार 440 रुपये के फ्रॉड में साइबर थाने की पुलिस को काफी बारीकी से छानबीन करनी होगी. इससे पूर्व भी जिले में ढाई साल पहले अपराधियों ने सिम पोर्ट करके रिटायर्ड बीएसएनएल कर्मी रामदेव राम के खाते से 22. 40 लाख रुपये उड़ा लिए थे. जब इस केस की जांच नगर थाने की पुलिस ने शुरू की तो मुजफ्फरपुर समेत उत्तर बिहार के कई जिलों में पांच करोड़ से अधिक के फ्रॉड पकड़ा गया. इस केस में पुलिस ने पीएनबी शाखा के एक कैशियर समेत पांच अपराधियों को गिरफ्तार करके जेल भेजा था. अपराधियों ने सिम पोर्ट करके उसके नंबर से नेट बैंकिंग के माध्यम से सारा ओटीपी अपने मोबाइल पर मंगवा कर खाते से रुपये का फ्रॉड किया था. फ्रॉड के इस पैटर्न से मिलता- जुलता है रिटायर्ड शिक्षक का मामला साइबर पुलिस को आशंका है कि जिस मोबाइल नंबर से रिटायर्ड शिक्षक को कॉल आया होगा. उसने फोर जी सिम कार्ड को फाइव जी में बदलवाने के नाम पर कुछ सेटिंग या कोई लिंक पर क्लिक करवा लिया होगा. इसके बाद पूरे मोबाइल का एक्सेस अपने कंट्रोल में करके उसके सिम कार्ड को पोर्ट करवा लिया होगा. क्योंकि पीड़ित को साइबर अपराधियों के द्वारा उनके खाते से किये गये 55 ट्रांजेक्शन में से किसी एक का भी मैसेज ना तो मोबाइल नंबर आया और ना ही उनके खाते से लिंक ईमेल पर. अब साइबर थाने की पुलिस मामले में प्राथमिकी दर्ज करके जब अनुसंधान शुरू करेगी तो कई खुलासे होने की संभावना है.
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