थानेदार व आइओ पर कार्रवाई के लिए कोर्ट ने डीजीपी को भेजा पत्र
मुजफ्फरपुर.
कांटी थाने के दाराेगा सह आइओ की लापरवाही से शुक्रवार को हत्याकांड में जेल में बंद तीन आरोपियाें काे विशेष एससी-एसटी काेर्ट से जमानत मिल गयी.आइओ ने 90 दिनाें के अंदर काेर्ट में चार्जशीट दाखिल नहीं किया था, जिसका फायदा जेल में बंद आरोपियों काे मिला. इस पर विशेष एससी-एसटी काेर्ट के जज अजय कुमार मल्ल ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है. आइओ ने जब समय पर चार्जशीट दाखिल नहीं की ताे आरोपी सुरेंद्र साह, अर्जुन साह उर्फ अर्जुन, बीरेंद्र साह उर्फ बीरेंद्र कुमार की काेर्ट ने जमानत अर्जी स्वीकार कर ली. काेर्ट ने थानेदार व आइओ की इसमें बड़ी लापरवाही मानी है. दाेनाें पर कार्रवाई के लिए काेर्ट ने डीजीपी, आइजी, एसएसपी, गृह सचिव व अभियाेजन काेषांग काे पत्र लिखा है. ऐसे में माना जा रहा है कि थानेदार आइओ पर वरीय पुलिस अधिकारियाें की गाज गिरनी तय है. मामला कांटी थाना से जुड़ा है. यहां राजा चाैधरी हत्याकांड काे लेकर उसके भाई विकास चाैधरी ने कांटी थाना में बीते साल 27 नवंबर काे एफआइआर करायी थी. जिसमें पांच लाेगाें काे आरोपी बनाया गया था.काम कराने के बाद मजदूरी का 54 हजार रुपये नहीं दिया
पुलिस काे बताया गया था कि विकास व राजा काे उसके गांव के ठेकेदार अर्जुन साह गाजियाबाद ले गया था. काम कराने के बाद मजदूरी का 54 हजार रुपये नहीं दिया. दूसरे ठेकेदार के साथ काम पर जाने की जानकारी अर्जुन काे मिली. उसने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर रास्ते में राेककर उनलाेगाें की पिटाई व लूटपाट की थी. घटना काे लेकर राजा ने तीनाें आरोपियों के खिलाफ 2023 में 24 नवंबर काे एफआइआर करायी थी. जिसके बाद तीनाें आरोपी उनके भाई काे केस नहीं उठाने पर हत्या की धमकी देते थे. 25 नवंबर काे राजा अपनी पत्नी की जांच रिपाेर्ट लाने के लिए घर से निकले थे. अर्जुन साह के घर से 400 मीटर दूरी पर एक आम के बाग में राजा का शव पेड़ से लटका मिला था.
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