एमएलसी चुनाव : मतदाता सूची के ड्राॅफ्ट पब्लिकेशन में गड़बड़ी, विरोध शुरू
एमएलसी चुनाव : मतदाता सूची के ड्राॅफ्ट पब्लिकेशन में गड़बड़ी, विरोध शुरू
=मतदाता सूची तैयार करने में हुई गड़बड़ी, आवेदन जमा कर प्राप्ति रसीद लिए हजारों लोगों का नाम नहीं=पता सही देने के बावजूद शहरी मतदाताओं का प्रखंड मुख्यालय व ग्रामीण मतदाताओं का शहरी बूथ पर नाम को कर दिया शामिल
मुजफ्फरपुर .
तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के एमएलसी उपचुनाव के लिए प्रकाशित मतदाता सूची के ड्राफ्ट पब्लिकेशन में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी होने की शिकायत मिल रही है. शहरी मतदाताओं के नाम को ग्रामीण एरिया के बूथ पर कर दिया गया है. वहीं, ग्रामीण एरिया का पता देने वाले मतदाताओं के नाम को शहरी बूथ पर किया गया है. यही नहीं, शहरी वार्ड नंबर व पता के हिसाब से तैयार किये गये बूथ की बजाय अगल-बगल के दूसरे बूथ पर नाम कर दिया गया है. एक परिवार में चार से पांच सदस्य हैं. सभी सदस्यों का अलग-अलग बूथों पर नाम शामिल कर दिया गया है. जबकि, सभी का पता एक ही है. नाम के हिंदी व अंग्रेजी शब्दावली में भी गड़बड़ी की गयी है. इससे जिला से लेकर कमिश्नर ऑफिस तक में वोटर व भावी उम्मीदवारों की तरफ से शिकायत मिल रही है. दूसरी तरफ, मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया पर सवाल खड़ा हो गया है. बुधवार की शाम स्कूल शिक्षक संघ के नेता व भावी उम्मीदवार बंशीधर ब्रजवासी के नेतृत्व में विरोध-प्रदर्शन किया गया. वोटर बनने के लिए जमा आवेदन का प्राप्ति रसीद लेकर मतदाता सूची में नाम शामिल होने से वंचित लोगों ने नाराजगी जाहिर की. शिक्षक नेता बंशीधर ब्रजवासी ने कहा कि ब्लॉक स्तर पर जो फॉर्म जमा हुआ है, उसकी इंट्री ही नहीं करायी गयी है. इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए. दोषी पर कार्रवाई के साथ जिन लोगों का नाम मतदाता सूची में शामिल नहीं किया गया है, उन सभी फॉर्म की बारीकी से जांच करा मतदाता सूची में नाम की इंट्री कराये.साढ़े पांच हजार वोटरों के नाम को किया गया है रिजेक्ट
प्रथम फेज में वोटर बनने के लिए तय आखिरी तिथि से 03 सितंबर तक तिरहुत प्रमंडल के चारों जिला से लगभग 1.18 लाख 968 लोगों ने वाेटर बनने के लिए प्रारूप 18 के जरिये आवेदन जमा किया. जांच-पड़ताल व स्क्रीनिंग के बाद प्रशासनिक स्तर पर चारों जिला को मिलाकर कुल 1.13 लाख 458 लोगों के नाम को मतदाता सूची में शामिल करते हुए ड्राॅफ्ट पब्लिकेशन किया गया है. यानी, साढ़े पांच हजार के आसपास लोगों के आवेदन को विभिन्न कारणों से रिजेक्ट किया गया है.
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