उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर सूतापट्टी स्थित वनवासी कल्याण आश्रम ने बैठक कर वनवासियों की शिक्षा और देश की अखंडता पर चर्चा की. अखिल भारतीय शिक्षा प्रमुख पीवी राधाकृष्ण ने कहा कि देश में राष्ट्र विरोधी शक्तियां देश की एकता और अखंडता को खंडित कर रही हैं और इसके मूल में धर्मांतरण है. धर्मांतरण के कारण देश के विकास की रफ्तार थम-सी गयी है. वनवासी कल्याण आश्रम धर्मांतरण को रोकने और वनवासी समाज को विकास की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए कृत्संकल्प है. उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत में शिक्षा के संदर्भ में स्वतंत्र चिंतन आजादी के मिलने के बाद भी नही हो सका. आजादी के बाद देश की शिक्षा पद्धति को तहस नहस कर दिया गया. नदी, पहाड़ और पर्वत से समाज नही बनता है, समाज व्यक्ति से बनता है, जिसका आधार संस्कृति, रीति रिवाज, परंपरा और हमारा संस्कार है. विषय प्रवेश कराते हुए वनवासी कल्याण आश्रम के प्रांतीय महामंत्री डॉअजय नारायण सिन्हा ने कहा कि वनवासी कल्याण आश्रम का मुख्य उद्देश्य जनजाति समाज को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है, समाज के माध्यम से किया गया कार्य ही सफलता को प्राप्त करता है. संचालन वनवासी कल्याण आश्रम के महानगर के सचिव राकेश सम्राट ने किया. इस मौके पर वनवासी कल्याण आश्रम के संरक्षक दिग्विजय कुमार, प्रांतीय मंत्री आलोक कुमार, कोषाध्यक्ष श्याम सुंदर भरतिया, प्रांतीय संगठन मंत्री नीतीश कुमार सिंह, महानगर अध्यक्ष रमेश केजरीवाल, शक्तिधर शर्मा, डॉ मोनालिसा, डॉ तारण राय, राकेश सम्राट, डा उर्मिला बंका, एचएल गुप्ता, मगनी हेंब्रम, राजकुमार चौधरी, मंजू सिंह, मुन्नी चौधरी, अनिल तुलस्यान, आलोक कुमार अभिषेक, डॉ विजय कृष्ण, हिमांशु राय, अविनाश कुमार मुख्य रूप से मौजूद थे. धन्यवाद ज्ञापन डॉ यशवंत ने किया.
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