Janmashtami: मुजफ्फरपुर में 8000 तक के झूले और 1000 तक की मूर्तियां बनी लोगों की पसंद
जन्माष्टमी को लेकर मुजफ्फरपुर का बाजार सज गया है. लड्डू गोपाल का जन्मदिन मनाने के लिए लोग खूब खरीदारी कर रहे हैं. शहर में पूजा सामग्री के क्या हैं दाम और क्या कह रहे हैं दुकानदार. जानिए...
Janmashtami: जनमाष्टमी का त्योहार 26 अगस्त को मनाया जाएगा. मंदिरों के अलावा घर-घर में लड्डू गोपाल के जन्मोत्सव मनाने की तैयारी हो रही है. शहर के बाजार सज चुके हैं और लोग लड्डू गोपाल के अलावा झूले, पगड़ी, मोर पंख, आसनी, भगवान का पोशाक, बांसुरी, माला सहित अन्य सामग्री की खरीदारी कर रहे हैं. शहर के बाजार में इन चीजों की खरीदारी के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ रही है.
सरैयागंज, गरीबनाथ मंदिर रोड और मोतीझील के पूजन सामग्री और सजावट की दुकानों में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति से लेकर सजावट की सामग्री की जमकर खरीदारी हो रही है. पूजा घर की सजावट के साथ भगवान को स्थापित करने के लिए लोग विभिन्न डिजायन और वजन की पीतल की मूर्तियां और मेटल या लकड़ी के झूले पसंद कर रहे हैं. भगवान का कड़ा, कुंडल सहित अन्य चीजें लोगों को लुभा रही है. शहर में जनमाष्टमी के बाजार पर पढ़िए रिपोर्ट
राधा और श्रीकृष्ण के ड्रेस की डिमांड
जन्माष्टमी पर रेडिमेड और सजावट सामग्री की दुकानों से राधा-कृष्ण की ड्रेस की डिमांड अधिक है. छोटे बच्चों से लेकर आठ साल तक के बच्चों की ड्रेस खूब बिक रही है. 120 रुपये से एक हजार तक के ड्रेस की डिमांड बढ़ी हुई है. स्कूलों में हो रहे फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले बच्चे इन परिधानों की खरीदारी कर रहे हैँ. दुकानदारों का कहना है कि पहले इस तरह के परिधान की डिमांड कम थी, लेकिन अब इसकी मांग बढ़ी है. दुकानों से 500 से 700 तक के ड्रेस की अच्छी बिक्री हो रही है.
एक हजार तक की पीतल की मूर्तियां बन रही पसंद
बाजार में एक हजार तक की पीतल की लड्डू गोपाल की मूर्तियों की जबरदस्त डिमांड है. पूजन सामग्रियों की दुकानों के अलावा गरीबनाथ मंदिर मार्ग में सजे जन्माष्टमी के बाजार से इन मूर्तियों की खरीदारी हो रही है. पीतल की न्यूनतम कीमत की मूर्ति 120 रुपए में उपलब्ध है. लोग अपने सामर्थ्य के अनुसार मूर्तियों की खरीदारी कर रहे हैं. मूर्ति दुकानदार राहुल कुमार ने बताया कि 500 से अधिक कीमत की मूर्तियों की डिमांड ज्यादा है. लोग झूले के हिसाब से मूर्ति की खरीदारी कर रहे हैं. कुछ लोग झूले के साथ पूरा सेट खरीद रहे हैं. जिसमें भगवान के वस्त्र, मोर पंख, पगड़ी शामिल है.
आठ हजार तक का बिक रहा लकड़ी का झूला
शहर के बाजार से लड्डू गोपाल का लकड़ी का झूला आठ हजार तक में बिक रहा है. इसमें भगवान की मूर्तियां और ड्रेस, मोर पंख, पगड़ी और आसन शामिल रहता है. सिर्फ झूला की कीमत 120 रुपए से सात हजार तक है. सरैयागंज में झूला बनाने वाले कारीगर कृ्ष्णनंदन कुमार ने कहा कि झूला बनाने की सामग्री वृंदावन से आती है. हमलोग उसे जोड़ कर झूला बनाते हैं. पिछले एक-दो साल से बाजार में झूला की डिमांड बढ़ी है. एक से दो हजार तक के लकड़ी और मेटल के झूले की बाजार में अच्छी बिक्री होती है.
शहर से हो रहा लड्डू गोपाल के पोशाक का कारोबार
लड्डू गोपाल के पोशाक का कारोबार शहर से भी हो रहा है. यहां कई महिलाएं लड्डू गोपाल का पोशाक, माला, कड़ा और बांसुरी बनाती हैं. इसका कारोबार पटना, जमशेदपुर, भागलपुर और रांची तक होता है. यहां की करीब एक दर्जन से अधिक महिलाएं इस रोजगार से जुड़ी हैं. पोशाक बनाने वाली पूजा केजरीवाल कहती हैं कि वे पिछले छह सालों से पोशाक का कारोबार कर रही हैं. मैटेरियल वृंदावन से मगवाती हैं. मांग के अनुसार झूला मंगवा कर पूरा सेट तैयार कर दिया जाता है
मिट्टी के राधा-कृष्ण की मूर्तियों की डिमांड
बाजार में मिट्टी के राधा-कृष्ण की मूर्तियों की भी डिमांड है्. हरिसभा रोड, साहू रोड और गोशाला के मूर्ति दुकानों से इन मूर्तियों की खरीदारी हो रही है. इन मूर्तियों की कीमत 50 से लेकर 1200 रुपए तक है. इसमें राधा-कृष्ण की एक साथ और अलग-अलग मूर्तियां शामिल है. मूर्तिकार अरुण कुमार ने कहा कि शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोग मूर्तियों की खरीदारी कर रहे हैं. नक्काशी वाले मूर्तियों की मांग अधिक है. जन्माष्टमी तक इन मूर्तियों का अच्छा कारोबार होने की उम्मीद है
चांदी के लड्डू गोपाल और झूले की मांग
सर्राफा बाजार से इस बार चांदी के लड्ड् गोपाल और झूले की मांग भी बढ़ी हुई है. लोग पूजा घर में रखने के लिए चांदी के लड्डू गोपाल, झूला और बांसुरी खरीद रहे हैं. सर्राफा की कई दुकानों में ऑर्डर के हिसाब से भी मूर्तियां और झूले बनाये जा रहे हैं. थोक सर्राफा संघ के महासचिव संजय कुमार ने कहा कि कम से कम दस हजार में तीनों चीजें मिल रही है. अधिकतम की कोई सीमा नहीं है. दस से बीस हजार तक के लड्ड् गोपाल, झूले और बांसुरी लोग खरीद रहे हैं. कम से कम दस ग्राम की चांदी से निर्मित तीनों चीजें बाजार में उपलब्ध है. लोग अपनी पसंद से खरीदारी कर रहे हैं.
सामग्री और दर
- राधा या कृष्ण का ड्रेस – 120-1000
- लड्डू गोपाल की मूर्ति – 120-1300
- बांसुरी – 10-20
- आसनी – 100-450
- माला – 5-10
- मुकुट – 30-120
- पगड़ी – 40-50
- भगवान का वस्त्र – 20-100
- मोर पंख – 10-130
- डलिया – 120-150
- कुंडल – 5-10
- (कीमत रुपए में)
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लड्डू गोपाल और पोशाक की बिक्री अधिक
जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल की सजावट और पूजा की सभी सामग्रियों की अच्छी बिक्री हो रही है. भगवान की मूर्ति, झूला, बांसुरी और पोशाक की डिमांड अच्छी है. सभी सामग्रियां वृंदावन से मगायी गयी है. भगवान की पगड़ी, माला और मोर पंख की भी खरीदारी हो रही है. लोग अपने घरों में लड्डू गोपाल का दरबार बना रहे हैँ. इस कारण पिछले साल से इस बार का बाजार अच्छा है.
– प्रमोद कुमार, सजावट और पूजन सामग्री विक्रेता
मूर्तियों के साथ झूले और बांसुरी की भी डिमांड
जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल की मूर्तियों और झूले सबसे अधिक बिक रहे हैं. इसके अलावा पगड़ी और भगवान के पोशाक की डिमांड भी अच्छी है. राधा-कृष्ण के डेस की भसी अच्छी खरीदारी हो रही है. दो-तीन सालों में लडडू गोपाल घर में स्थापित करने का ट्रेंड बढ़ा है. इस कारण इसका बाजार भी पहले से बेहतर हुआ है. अब घर में लड्डू गोपाल को स्थापित करने के लिए कई तरह की सामग्रियों की खरीदारी हो रही है.
– प्रेम गुप्ता, सजावट और पूजन सामग्री विक्रेता