वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर शहर में सीवर लाइन में सड़क धंसने के साथ चैंबर धंसने की समस्या आम हो गयी है. हाल में कंपनीबाग स्थित प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के गेट के पास सड़क धंसने की घटना के बाद भी एजेंसी या विभाग अपने पुराने ढर्रे पर है. उदाहरण के तौर पर शहर के जवाहर लाल रोड में लगभग सीवर के चैंबर की स्थिति जर्जर है. एक चैंबर की हालत बहुत खराब हो गयी, तो उसके आसपास सीमेंट और बालू का घोल मिला कर चारों तरफ से लेप दिया गया. अचानक से स्थानीय व रोज आने-जाने वाले लोगों ने देखा की एक चैंबर की मरम्मत हो गयी. लेकिन मरम्मत के चारों ओर कोई घेराबंदी नहीं होने से गाड़ियां चैंबर से होकर गुजर रही है. यह मरम्मत किय काम की, इसको लेकर सवाल उठने लगा है. प्लानिंग की कमी के कारण लगभग जगहों पर शुरू होने से पहले ही सीवर लाइन की स्थिति बदतर हो गयी है. सीवर लाइन का ढक्कन बना सड़क का रोड़ा एक तरह से शहर में सीवर लाइन का ढक्कन सड़क का रोड़ा बन चुका है. दोपहिया हो या चारपहिया, चालक को रात के समय और अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें चैंबर को लेकर मानक के अनुसार काम नहीं हुआ है. कहीं चैंबर का ढक्कन सड़क से ऊपर तो कहीं ढक्कन गड्ढा में है. जिस वजह से गाड़ियां चलते-चलते ठोकर खाने के साथ बड़े-बड़े हिचकोला में फंस जाती है. स्थानीय लोगों के अनुसार मल्टी एजेंसी सिस्टम के कारण पूरा प्रोजेक्ट सवालों के घेरे में है. जमीन के अंदर पाइपलाइन और ऑप्टिकल फाइबर के तार का जाल बिछ गया. लेकिन सड़कों की स्थिति बदहाल हो गयी है.
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