जीविका दीदियों को मिलेगा रोजगार, बनेंगी रानी मिस्त्री, बनायेंगी शौचालय
झारखंड का एक समूह जीविका दीदियों को तीन महीने तक राजमिस्त्री का प्रशिक्षण देगा, जिससे दीदियों को रोजगार मिल सकेगा. बिहार में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सकरा का चयन किया गया है
Employment For Jeevika: अब तक जीविका दीदी विभिन्न समूह से जुड़कर या एकल तौर पर व्यवसाय या उद्यम चला रही थीं, लेकिन उनमें से कुछ प्रोफेशनल तरीके से रोजगार करेंगी. इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जायेगा. मुजफ्फरपुर जिले के सकरा की 25 जीविका दीदी राज मिस्त्री का प्रशिक्षण लेंगी. इसके लिए झारखंड का एक ग्रुप तीन महीने तक उन्हें राज मिस्त्री का प्रशिक्षण देगा. ये दीदियां रानी मिस्त्री के नाम से जानी जायेंगी.
सकरा को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुना गया
प्रशिक्षण मिलने के बाद ये दीदियां प्रखंड में टॉयलेट बनाएंगी और खराब टॉयलेट की मरम्मत करेंगी. इससे सार्वजनिक स्थलों पर चलने वाले टॉयलेट को बनाने में खर्च कम आयेगा और दीदियों को रोजगार भी मिलेगा. इसके अलावा पांच जीविका दीदी को सफाई का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. इन्हें प्रेशर पंप दिया जायेगा. ये दीदी टॉयलेट की सफाई करेंगी. छह दीदियों को बुक कीपिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ये टॉयलेट के खर्चे का हिसाब-किताब रखेंगी. बिहार में पहली बार सकरा को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुना गया है. यहां के बाद कुढ़नी में यह काम शुरू होगा.
निजी स्तर पर भी दीदियां बनायेंगी टॉयलेट
रानी मिस्त्री दीदियां अब निजी स्तर पर भी टॉयलेट बनायेंगी. अगर कोई व्यक्ति दीदी से संपर्क करता है तो वह राज मिस्त्री की तरह टॉयलेट बनायेंगी और इसके बदले मेहनताना लेंगी. सकरा में टॉयलेट क्लिनिक भी खोला गया है. यहां से सामान खरीदने पर वह बाजार मूल्य से सस्ता मिलेगा. इससे लोगों को टॉयलेट बनाने में आसानी होगी. लोगों को भी टॉयलेट बनवाने में अधिक खर्च नहीं करना होगा. जीविका दीदियों की इस नयी पहल से रोजगार का नया सृजन हुआ है. सबसे बड़़ी बात है कि दीदियां अब पुरुषों की तरह हम काम करने को तैयार हैं. उद्यम व व्यवसाय के अलावा हर क्षेत्र में वह प्रशिक्षण लेकर रोजगार का नया सृजन कर रही हैं.
जीविका दीदियों को तीन महीने का राज मिस्त्री का प्रशिक्षण दिया जायेगा. ये दीदियां रानी मिस्त्री के नाम से जानी जायेंगी. ये दीदियां सार्वजनिक स्तर पर नये शौचालय का निर्माण या खराब की मरम्मत करेंगी. एक साथ मैटेरियल की खरीद होने से कॉस्ट में कमी आयेगी. इससे निजी स्तर पर भी दीदियों को रोजगार मिलेगा. टॉयलेट की सफाई के लिए पांच जीविका दीदियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. इन्हें प्रेशर पंप भी दिया गया है-
अनीशा, डीपीएम, जीविका