वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर अस्पतालाें में दवा उपलब्ध हाेने के बाद भी मरीजाें काे नहीं मिल पा रही है. गाेदाम में दवा ताे रहती है, लेकिन इसकी सूची ओपीडी में कार्यरत डाॅक्टराें के पास नहीं है. इस विसंगति काे दूर करने के लिए सिविल सर्जन डाॅ अजय कुमार ने डेटा वैलिडैशन कमेटी के साथ बैठक कर टीम गठित की है. इसमें सभी प्रभारियाें काे निर्देशित किया है कि जाे भी दवाएं अस्पताल में उपलब्ध है. उसकी लिस्ट ओपीडी-इमरजेंसी में उपलब्ध करायें. लिस्ट के अनुसार ही डॉक्टर दवा लिखें. सभी ओपीडी में दवाओ की लिस्ट रखना अनिवार्य कर दिया गया है. यह भी निर्णय लिया गया कि अस्पताल में कितनी प्रकार की दवा उपलब्ध है, कितना खर्च हुआ, इसका पूरा ब्योरा भी पारदर्शी तरीके से उपलब्ध रहेगा. जैसे ही काेई दवा की कमी हाेगी, तत्काल उसका डिमांड कर मंगवा लिया जाएगा. समीक्षा में सिविल सर्जन ने सदर अस्पताल समेत सभी पीएचसी में सरकार प्रायाेजित याेजनाओं का शत प्रतिशत लाभ उचित लाभुकाें तक पहुंचाने का निर्देश दिया है.
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