किडनी पीड़िता सुनीता के शव का ससुराल मथुरापुर में अंतिम संस्कार

किडनी पीड़िता सुनीता के शव का ससुराल मथुरापुर में अंतिम संस्कार

By Prabhat Khabar News Desk | October 22, 2024 10:00 PM
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अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे, लोगों ने नम आंखों से दी विदाई ग्रामीणों के सहयोग से अंतिम संस्कार किया, बड़ा पुत्र आकाश ने मुखाग्नि दी प्रतिनिधि, सकरा किडनी पीड़िता सुनीता की मौत के बाद सोमवार की रात शव सकरा प्रखंड के मथुरापुर गांव स्थित ससुराल लाया गया. शव गांव पहुंचते ही लोगों में कोहराम मच गया. अंतिम दर्शन के लिए के लिए लोगों का तांता लग गया. इसके बाद मंगलवार की सुबह भी आसपास के गांवों के लोग शव देखने के लिए जुट गये. मौत की सूचना पर रिश्तेदार भी आ रहे थे. शव दरवाजे पर रखा गया था. सुनीता की मां तेतरी देवी शव के पास जोर-जोर से रो रही थी. नानी को रोते देख उसकी बेटी सोनम एवं बेटा आकाश कुमार का रो-रोकर बुरा हाल था. उसके पुत्र एवं पुत्री को रोते देखकर महिलाओं की आंखें नम हो गयीं. पति अकलू राम भी रो-रोकर बेहाल था. इधर, मृतका के पिता लालदेव राम गम में थे. गांव के उपेंद्र राम, विजय राम आदि लोग सुनीता के शव के अंतिम संस्कार की तैयारी में जुटे थे. तैयारी के बाद परिजनों ने ग्रामीणों के सहयोग से मथुरापुर गांव स्थित श्मशान में मंगलवार की सुबह नौ बजे अंतिम संस्कार किया गया़ बड़ा पुत्र आकाश ने मुखाग्नि दी. पति अकलू ने मांगी सरकारी नौकरी व मुआवजा किडनी पीड़िता सुनीता की एसकेएमसीएच में हुई मौत के बाद पति अकलू राम ने सरकार से बड़ी मांग की है. पत्रकारों से बात करते हुए अकलू ने कहा कि अब सुनीता की मौत हो चुकी है. उसने सरकार से मुआवजा एवं सरकारी नौकरी देने की मांग की है. बताया कि उसके तीन बच्चों की परवरिश के लिए कुछ भी नहीं है. इसलिए उसे सरकार नौकरी दे. —————————————————- विधायक ने श्राद्धकर्म के लिए दिये 30 हजार रुपये विधायक अशोक कुमार चौधरी ने मंगलवार की शाम मथुरापुर गांव पहुंच कर घटना पर दुख व्यक्त करते हुए सुनीता के परिजनों को सांत्वना दी. इस दौरान सुनीता की पुत्री 14 वर्षीया सोनम रोते हुए विधायक के सामने ही गिर गयी. साथ में खड़ी महिला ने उसे संभाला. विधायक ने पति अकलू से सुनीता के श्राद्धकर्म में खर्च की जानकारी ली एवं श्राद्धकर्म के लिए निजी कोष से तत्काल 30 हजार रुपये दिये. सुनीता के तीनों बच्चों की पढ़ाई व परवरिश का खर्च उठाया विधायक ने कहा कि मौत के बाद परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है. इस दौरान उन्होंने सुनीता के तीनों बच्चों को बुलाकर बात की. इसके बाद तीनों बच्चों की पढ़ाई पूरी कराने सहित परवरिश करने एवं तीनों की शादी तक सारा खर्च अपने निजी कोष से वहन करने की घोषणा की. इस दौरान ग्रामीण विजय कुमार, उपेंद्र राम, विन्देश्वर राम, अजय, अमन आदि उपस्थित थे.

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