कृषि नीति के खिलाफ संयुक्त किसानमोर्चा ने निकाला मार्च
राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति के मसौदा को वापस लेने और 24 फरवरी से पंजाब की सीमा पर संघर्ष कर रहे किसानों की मांग के सेवाल को लेकर सोमवार को संयुक्त किसानमोर्चा के राष्ट्रीय समन्वय समिति के आह्वान पर जिला स्तरीय प्रतिवाद मार्च निकाला गया.
उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति के मसौदा को वापस लेने और 24 फरवरी से पंजाब की सीमा पर संघर्ष कर रहे किसानों की मांग के सेवाल को लेकर सोमवार को संयुक्त किसानमोर्चा के राष्ट्रीय समन्वय समिति के आह्वान पर जिला स्तरीय प्रतिवाद मार्च निकाला गया. कार्यक्रम की शुरुआत संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख घटक ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के मोतीझील स्थित जिला कार्यालय से हुई. यह मार्च शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए कल्याणी चौक पर पहुंचा. यहां लोगों ने मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे ग्रेटर नोएडा और बुद्ध नगर के किसानों को जेल में बंद किए जाने और किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल के स्वास्थ्य की अनदेखी किए जाने के खिलाफ नई राष्ट्रीय विपणन नीति के मसौदे की प्रति को जलाया. जुलूस में लोग केंद्र सरकार के किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ रोष पूर्ण नारे लगा रहे थे. इस मौके पर किसान नेताओं ने कहा कि किसान विरोधी तीनों काला कानून वापस लेने के बाद फिर से केंद्र सरकार किसानों की जमीन और कृषि उत्पाद को अपने हाथों में लेने के उद्देश्य से ही पिछले दरवाजे से नई राष्ट्रीय विपणन (बाजार) नीतिलाई है, जो पूर्ण रूपेण किसान विरोधी है. सभा को एआइकेएफ के नंदकिशोर तिवारी, चंद्रभूषण तिवारी, प्रमोद झा, एआइकेएमएस के मो इलियास, राज किशोर राम, रूदल राम, एआइकेकेएमएस के काशीनाथ सहनी, लाल बाबू राय, अनवर हुसैन, प्रेम कुमार राम, उदय झा, एआइकेएमकेएस के राजू साह, उदय चौधरी, रजनी देवी, बिहार राज्य किसान सभा के चंदेश्वर चौधरी, मो युनूस ने संबोधित किया़
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