उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के कार्यालय में रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने बैठक कर 26 जनवरी को आयोजित देशव्यापी ट्रैक्टर मार्च को सफल बनाने पर विचार विमर्श किया. किसान नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार ने जिस तीन काले कृषि कानून को किसानों के 13 महीने चले आंदोलन के दबाव में वापस ले लिया था, उसी कानून को फिर नयी राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति के रूप में कॉर्पोरेट के हित में राज्य सरकारों के माध्यम से लागू करना चाहती है. नये राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति पूरी तरह से किसान विरोधी है. इसके माध्यम से गांव के हाट-बाजार भी कॉर्पोरेट के हाथ में चला जायेगा. किसानों की खेती पूंजीपतियों के हाथ में होगी. खाद्य सुरक्षा योजना भी खत्म हो जायेगी. नयी राष्ट्रीय कृषि विपणन नीति को वापस लेने, एमएसपी की कानूनी गारंटी करने, बिहार में बाजार समिति को चालू करने, अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह ढल्लेवाल के स्वास्थ्य की पूरी सुरक्षा करने, जेल में बंद किसानों को रिहा करने व किसानों पर दमन बंद करने संबंधी मांगों को लेकर 26 जनवरी को शहीद जुबा सहनी पार्क से विशाल ट्रैक्टर व मोटरसाइकिल जुलूस निकालने का निर्णय लिया. अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान सभा के मदन प्रसाद ने की. इस मौके पर एआइकेएमएस के रूदल राम, बिहार राज्य किसान सभा के चंदेश्वर प्रसाद चौधरी, एआइकेएमकेएस के राजू शाह, एआइकेएफ के भूपनारायण सिंह, एआइकेकेएमएस के काशीनाथ सहनी, एटक के शंभुशरण ठाकुर, अखिल भारतीय किसान महासभा के जितेंद्र यादव, काशीनाथ सहनी व किसान नेता हबीब अंसारी मौजूद रहे.
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