मुजफ्फरपुर.
जिले के बाढ़. प्रभावित अंचल के दियारा वाले जमीन का भी सर्वे होगा. इसके लिए तैयारी शुरु हो गयी है. पूर्वी अनुमंडल में औराई, कटरा व गायघाट और पश्चिमी में साहेबगंज और मोतीपुर के अलावा कांटी के कुछ भाग में जमीन का मेड़ व सीमांकन नहीं है. हालांकि यह जमीन रैयत का है. लेकिन इसमें काफी भाग में खेती नहीं हो रही है. ऐसे जमीन की ऊंचाई, कोण, सीमा, और दूसरी जानकारी का पता लगाया जाता है.बिना म्यूटेशन जमीन नापी करायें
जमीन का सर्वे करने के लिए, कई तरह के उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है.फिलहाल औराई व कटरा इलाके रैयतों से सर्वे करने वाली टीम संपर्क कर रही है. कागजात को लेकर बताया जा रहा है कि किस दस्तावेज की सर्वे में जरूरत होगी. जमीन का सर्वे कराने के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत होती है, इसमें जमीन की रजिस्ट्री जमाबंदी की रसीद .अगर जमीन पुश्तैनी है और जिसके नाम जमीन है, उसकी मौत हो गई है, तो उसका मृत्यु प्रमाण पत्र होना जरूरी है. लैंड सर्वे को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा नया आदेश जारी किया गया है. अब रैयत बिना म्यूटेशन (दाखिल-खारिज) कराए जमीन नापी करवा सकते हैं. रैयत जमीन मापी के लिए अब ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. विभाग के अपर मुख्य सचिव ने अधिकारियों के साथ बैठक कर जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
जमीन का बनेगा कार्ड
भूमि सर्वेक्षण में सभी दस्तावेजों के सत्यापन के बाद लोगों को खतियान की नकल मिलेगी. इसके साथ ही एक लैंड कार्ड मिलेगा जो राशन कार्ड की तरह होगा. इसमें जमीन का पूरा ब्योरा होगा. साथ ही प्लॉट और जमीन का साइज या नक्शा भी प्रिंट होगा. फिलहाल सर्वे का काम राजस्व गांव में हो रहा है. बाद में नगर निकायमें यह सर्वे किया जाएगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है