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व्यापक हो गया विधि का क्षेत्र, कॉरपोरेट जगत को कर लिया समाहित : पीके शाही

व्यापक हो गया विधि का क्षेत्र, कॉरपोरेट जगत को कर लिया समाहित : पीके शाही

मुजफ्फरपुर. एसकेजे लॉ कालेज के सेमिनार हॉल में रविवार को एलुमनी एसोसिएशन की ओर से पूर्ववर्ती छात्र मिलन समारोह- 2024 का आयोजन किया गया. कॉलेज परिसर में स्थित श्री कृष्ण सिंह व एलपी शाही की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई. मुख्य अतिथि बिहार सरकार के महाधिवक्ता पीके शाही को कॉलेज के अध्यक्ष एसके मिश्रा ने अंग वस्त्र व प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया. श्यामा शाही को महाविद्यालय की सचिव डॉ उज्जवला मिश्रा ने अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में दरभंगा के एडीजे शैलेन्द्र कुमार, झारखंड न्यायिक सेवा में चयनित एडीजे पुणेन्दु कुमार शर्मा, न्यायिक दण्डाधिकारी रत्नेश मांझी, एलएडीसी डालसा के सहायक अधिकारी प्रार्थना प्रिया, जिशान अहमद समेत उपस्थित अन्य पूर्ववर्ती छात्रों को अंगवस्त्र व पौधा भेंट कर सम्मानित किया गया. कॉलेज के निदेशक सह एलुमनाई एसोसिएशन से जुड़े जयंत कुमार ने महाविद्यालय की स्थापना से वर्तमान में स्थिति व विकास क्रम पर विस्तार से चर्चा की. महाविद्यालय के अध्यक्ष एसके मिश्रा ने पूर्ववर्ती छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती छात्रों का भी दायित्व है कि वे संस्थान के विकास के लिए हर संभव प्रयास करें. मुख्य अतिथि पीके शाही ने एसकेजे लॉ कॉलेज की स्थापना और विकास में एलपी शाही के प्रयासों की चर्चा की. कहा कि विधि का क्षेत्र वर्तमान में काफी व्यापक हो गया है. यह आज केवल सम्पत्ति, विवाद, विभाजन, स्वत्व तक ही सीमित न होकर काॅरपोरेट जगत को भी अपने में समाहित कर लिया है. उन्होंने पीपीटी के माध्यम से एक जुलाई 2024 से लागू होने वाले तीनों नए आपराधिक कानूनों भारतीय न्याय संहिता, नागरिक सुरक्षा कानून एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के प्रमुख विशेषताओं को विस्तार से बताया. इसके अतिरिक्त पीके सदन, एलुमनी एसोसिएशन के सचिव डॉ एसपी चौधरी, पंकज कुमार, आरए सहाय, दीक्षा शशि, आनंद कुमार, रत्नेश कुमार, उज्जवल कुमार मधु कुमारी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया. एलुमनी एसोसिएशन की ओर से दो दिव्यांगों को व्हील चेयर दिया गया. मुख्य अतिथि पीके शाही ने महाविद्यालय को सहयोग स्वरूप दो लाख रुपये का चेक दिया. कॉलेज की सचिव डॉ उज्जवला मिश्रा ने महाविद्यालय के सामाजिक दायित्वों के तहत पिछले कुछ वर्षों में किए गए सामाजिक दायित्वों के निर्वहन से संबंध में विस्तार से जानकारी दी. इसमें प्रमुख रूप से गणेश वंदना, मिथिला गीत, कजरी नृत्य की प्रस्तुति से समा बांध दिया. दिव्यम, न्यासा, अभिशेक, समीर, शशि भूषण, श्रुति प्रिया, सायू सिन्हा, पल्लवी, स्वाती ने अहम भूमिका निभाई. संचालन रत्नेश कुमार व धन्यवाद ज्ञापन डॉ केकेएन तिवारी ने किया.

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